scriptओवरलोड वाहनों पर नहीं है अंकुश | Do not overload vehicles checked | Patrika News

ओवरलोड वाहनों पर नहीं है अंकुश

locationरायसेनPublished: Jun 07, 2015 11:36:00 pm

 शहर सहित जिले भर में सड़क
हादसे लगातार बढ़ रहे हैं।लगातार हो रही सड़क दुर्घटनाओं से भी लोग सबक नहीं ले रहे
हैं

 Raisen photo

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रायसेन। शहर सहित जिले भर में सड़क हादसे लगातार बढ़ रहे हैं।लगातार हो रही सड़क दुर्घटनाओं से भी लोग सबक नहीं ले रहे हैं। वहीं तेज रफ्तार वाहनों पर किसी का नियंत्रण नहीं है। इस कारण वाहन चालकों में किसी का खौफ भी नहीं है।

आमजन के साथ जिम्मेदार अधिकारी भी दुर्घटनाओं को अनदेखा कर देते हैं। रायसेन-विदिशा के बीच चलने वाली टैक्सी सहित लंबी दूरी की बसों में ओवर लोडिंग जारी है। लेकिन इन पर रोक नहीं लग पा रही है और ओवर लोडिगं ही दुर्घटनाओं का बड़ा कारण है। इसके साथ वाहनों की तेज रफ्तार से दौड़ने वाले वाहन भी दुर्घटना का कारण बनते हैं।जिन पर आज तक कोई प्रभावी रोक लगाने के प्रयास नहीं किए गए हैं।

रायसेन से भोपाल मार्ग पर शहर कोतवाली सहित खरबई चौकी और बिलखिरिया थाना सड़क किनारे बने हैं। बाबजूद इसके इस मार्ग पर नियमों की अनदेखी कर वाहन सरपट दौड़ते हैं। यही हाल सांची-विदिशा रोड का है, जहां एसपी कार्यालय, कलेक्ट्रेट, तहसील, पुलिस लाइन सहित अन्य अधिकारियों के दफ्तर हैं। लेकिन इस मार्ग पर सबसे अधिक नियमों से खिलवाड़ हो रहा है। वाहनों का मनमाना संचालन, ओवर लोडिंग यहां सबसे अधिक है।

ट्रैक्टर-ट्राली का बेजा उपयोग

कृषि कार्य के लिए रजिस्टर्ड होने वाले और इसी कार्य के लिए उपयोगी ट्रैक्टर-ट्राली ग्रामीणों के आवागमन का साधन होने के साथ व्यावसायिक उपयोग का भी साधन बने हैं। ये वाहन आए अक्सर दुर्घटना का कारण बनते हैं। ट्राली का व्यावसायिक उपयोग आए दिन लोगों की जान पर बन रहा है। बीते चार दिनों पहले उदयपुरा तहसील में एक किशोर की टैक्ट्रर से गिरने से मौत गई और उसका पिता भी बुरी तरह घायल हो गया था। लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इन वाहनों के गलत उपयोग पर न तो पाबंदी लगाते हैं, न कोई कार्रवाई की जाती है। ग्रामीण क्षेत्र में ट्रैक्टर का उपयोग होता है।

सुरक्षा उपकरण भी नहीं
अधिकांश वाहनों में हादसे से बचने के उपकरण नहीं हैं। शहर से होकर जाने वाले छोटे-बड़े सवारी वाहन जीपों, मैजिक ऑटो और बस मिनी बसों में न तो अग्निशमन यंत्र हैं और न ही फर्स्ट एड बॉक्स ही रखे जा रहे हैं। जिससे तुरंत उपचार
या बचाव के कोई इंतजाम तक नहीं किए गए है।


ओवर लोड टैक्सियों पर नहीं है लगाम

विदिशा-रायसेन के बीच संचालित होने वाली सालों पुरानी जर्जर और कंडम हो चुकी टैक्सियां यहीं से होकर गुजरती है। लगभग छह माह पहले विदिशा-रायसेन के बीच करीब दस बसों को भी परमिट दिया गया है। लेकिन जर्जर हो चुकी टैक्सियो को बंद नहीं किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि इनमें से कई टैक्सियां बिना परमिट के ही चल रही है। महामाया चौक स्थित यातायात थाने के सामने से संचालित होने वाली इन ओवर लोड टैक्सियों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। मालवाहक वाहनों में बैठकर यात्रा करने वाले लोग खुद अपनी जान जोखिम में डालते हैं, लेकिन उन्हे समझाने और तत्काल कार्रवाई करने वाला कोई नहीं है।

बच्चों के हाथ में वाहन

शहर में इन दिनों बच्चों के हाथ में दो पहिया वाहन सबसे ज्यादा देखे जाते हैं। जल्दी आने-जाने की जल्दबाजी में बच्चे जिस स्पीड व जिस तरीके से वाहन चलाते हैं उसमें सड़क हादसों की संभावनाएं ज्यादा बन रही हैं। शहर यातायात प्रभारी यशवंत शर्मा का कहना है कि सबसे ज्यादा सड़क हादसे तेज गति से दो पहिया वाहन चलाने से होते हैं। दूसरा यातायात के नियमों का कड़ाई से पालन नहीं करना हादसों की वजह है। शर्मा का सुझाव है कि अभिभावक अपने नाबालिग बच्चों को वाहन चलाने न दें। किसी को भी बिना लाइसेंस के वाहन न चलाने दें। खासकर स्कूली बच्चों को दो पहिया वाहन न थमाएं। उन्हें साइकिल दें या फिर स्कूल वाहन से उनका आना जाना तय करें।

ऑटो में आगे सवारी पीछे सामान

शहर में सवारी भरकर दौड़ रहे आटो में भी क्षमता से अधिक सवारी भरी जाती है। इसके साथ ही आसपास के धार्मिक व दर्शनीय स्थलों पर बुकिंग करके क्षमता से ज्यादा सवारी भरकर आटो चालक फर्राटे मार रहे हैं। साथ ही माल भी ढ़ो रहे हैं।

पुलिस तो समय-समय पर ओवर लोडिगं वाहनों पर कार्रवाई करती है। सभी थाना प्रभारियों को भी ओवर लोड वाहनों पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। लेकिन आरटीओ अमले द्वारा कार्रवाई नहीं की जाती है। आपको आरटीओ से भी बात करना चाहिए। दीपक वर्मा, एसपी
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