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दो माह से नहीं डॉक्टर, इलाज के लिए परेशान हो रहे लोग

locationरायसेनPublished: Oct 07, 2020 12:01:18 am

इन दिनों मरीज सरकारी अस्पताल की बजाए प्राइवेट क्लीनिकों में ज्यादा पहुंच रहे हैं

दो माह से नहीं डॉक्टर, इलाज के लिए परेशान हो रहे लोग

दो माह से नहीं डॉक्टर, इलाज के लिए परेशान हो रहे लोग

देवरी. रायसेन जिले के अंतिम छोर में बसे देवरी नगर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत लगभग 50-60 गांव आते हैं। इस क्षेत्र में ज्यादातर मजदूर वर्ग के लोग आते हैं। मगर इन दिनों मरीज सरकारी अस्पताल की बजाए प्राइवेट क्लीनिकों में ज्यादा पहुंच रहे हैं। ग्रामीणों के अनुसार कोरोना काल में कोई भी मरीज प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचता है, तो उसे कोरोना टेस्ट के लिए कहा जाता है। वहीं लोगों को कोरोना वायरस टेस्ट में गड़बडिय़ों के चलते विश्वास नहीं होता। इस कारण ग्रामीणों ने सरकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र जाना ही छोड़ दिया है। आलम यह है कि जहां मरीजों की कतारें लगती थी अब वह स्वास्थ्य केन्द्र सूना पड़ा है। वहीं इन दिनों में अस्पताल की व्यवस्थाएं भी दुरुस्त नहीं है। अस्पताल में पर्याप्त सुविधाओं के साथ स्टाफ का भी टोटा है।

अस्पताल के डॉक्टर खुद हैं बीमार
यहां पर वर्षों से सेवाएं देने वाले डॉक्टर केके सिलावट का स्वास्थ्य ठीक ना होने के कारण वे भोपाल में अपना इलाज करवा रहे हैं। कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद घर पर रेस्ट कर रहे हैं। इस तरह दो माह का समय बीत गया अस्पताल में डॉक्टर पदस्थ नहीं है। लोगों की मांग पर एक सप्ताह के लिए उदयपुरा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के डॉ. अहिरवार यहां पर पदस्थ हो गए थे। परंतु दस दिन के बाद ही उन्हें वापस उदयपुरा बुला लिया गया है। अब गरीब मजदूर वर्ग के लोग मजदूरी के रुपए खर्च कर प्राइवेट डॉक्टरों को दिखा रहे हैं।

स्वास्थ्य केन्द्र की दवाएं बेअसर
मरीजों के अनुसार सरकारी अस्पताल की दवाओं से मरीजों को असर नहीं होता, जो टेबलेट अस्पताल से दी जाती है, उनमें अलग तरह की स्मेल आती है, जिससे मरीजों को हालत और बिगडऩे का अंदेशा रहता है। कई मरीजों को वह दवाई खाने के बाद उल्टी भी हो जाती है।
साफ-सफाई नहीं होती
नगर के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में जगह-जगह गंदगी देखी जा सकती है। वहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कभी यहां पर औचक निरीक्षण करने नहीं पहुंचते, जिससे अस्पताल की वास्तविक स्थिति सामने आए और व्यवस्थाओं में सुधार आ सके। प्रसूति कक्ष, भर्ती वार्ड सहित शौचालय को सैनेटाइज नहीं किया जाता है।
-अपने बालक का इलाज करवाने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र गया था, परंतु वहां पर कोई डॉक्टर ही नहीं मिला, फिर मैंने प्राइवेट डॉक्टर से इलाज करवाया।
-भगवत प्रसाद चौरसिया, मरीज के परिजन
– नगर का प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र अव्यवस्थाओं का शिकार हो रहा है। विधानसभा के उपचुनावों के बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की मांग स्वास्थ्य मंत्री से करेंगे।
-अरविंद दुबे, रामपुरा।

– डॉक्टर केके सिलावट कोरोना पॉजिटिव होने के बाद हमने उदयपुरा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र से कुछ दिनों के लिए देवरी अस्पताल में डॉक्टर की तैनाती की थी। वैसे यहां भी डॉक्टरों की कमी है, इसलिए डॉ. अहिरवार को वापस बुला लिया है। अस्पताल की अव्यवस्थाओं के चलते हम जल्दी ही प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का निरीक्षण करेंगे और अधिकारियों को सूचना देंगे।
-डॉ. रजनीश सिंघई, बीएमओ।
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