योजना के प्रारंभ से ही निर्माण एजेंसी के द्वारा प्रत्येक स्तर पर लापरवाही बरती गई। पाईप लाईन बिछाने के लिए खोदी गई नगर की सड़कों सहित गुणवत्ता पर लोगों के द्वारा सवालिया निशान लगाए जा चुके हंै। इसके अतिरिक्त गंाधी चबूतरा को भी खोदा गया था। जिस पर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं सहित अन्य लोगों के द्वारा विरोध किया गया था, लेकिन तत्कालीन प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा निर्माण एजेंसी पर कोई कार्यवाही नहीं की गई।
योजना के तहत नर्मदा घाट बौरास से सिलवानी तक तथा नगर में कुल 61 किलो मीटर पाईप लाईन डाली जाना थी, लेकिन लगातार कार्य में लापरवाही बरत रही निर्माण एजेंसी के द्वारा अभी तक पाईप लाईन डालने का कार्य पूर्ण नहीं किया जा सका है। निर्माण एजेंसी के रसूख के चलते नगर परिषद के जिम्मेदार, निर्माण एजेंसी पर कार्यवाही नहीं कर पा रहे हैं।
योजना के तहत नगर में 12 सौ नल कलेक्शन स्वीकृत हैं, जिसमें से 11 सौ उपभोक्ताओं के यहां कनेक्शन कार्य को पूर्ण किया जा चुका है। मात्र एक सौ उपभोक्ता ही शेष बचे हैं, जिनके घरो तक कनेक्शन नहीं हुए हैं।
मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना के तहत नगर में निर्माण एजेंसी के द्वारा गांधी नगर पड़ान जाने वाले मार्ग पर फिल्टर प्लांट का निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त नगर के इंदिरा आवास कॉलोनी, बस स्टैण्ड के पास तथा जेल रोड बार्ड नंबर एक में साढ़े चार लाख लीटर की क्षमता वाली पेयजल की टंकी का निर्माण कार्य भी किया जा चुका है। बावजूद भी लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा है।