जिस कारण लोगों को आवागमन में परेशानी हाती है। साथ ही जाम लगता है। इस बिगड़ी यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए कोई भी पहल नहीं करता। दूसरी और जितने भी मैरिज गार्डन यहां संचालित हैं उनके द्वारा नगर परिषद में टैक्स नहीं भरा जाता, उल्टे गार्डनों से निकलने वाली बेकार खाद्य सामाग्री और कचरा सड़कों के पास और नदियों में फेंका जाता है, जिससे प्रदूषण फैलता है।
सभी मैरिज गार्डन सड़कों से लगकर बनाए गए हैं, लेकिन उनमें पहुंचने वाले व्यक्तियों और वाहनों को खड़ा करने के लिए जगह नहीं छोड़ी है। वहीं बरेली नगर परिषद ने मैरिज गार्डनों का रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है न ही इनसे कोई आय नपा के पास पहुंचती है। कई बार इस संबंध में शिकायतें भी होती रही हैं, लेकिन जांच के नाम पर खानापूर्ति होकर रह जाती है।
नहीं कराया डायवर्सन
नियमानुसार यदि भूमि का खेती के अलावा अन्य कोई उपयोग किया जाता है तो उसका डायवर्सन आवश्यक होता है। इस इलाके में कुछ मैरिज गार्डन ऐसे हैं, जिनका डायवर्सन नहीं हुआ है। इसी तरह प्रतिवर्ष २५ लाख रुपए से भी अधिक कमाई वाले इस कारोबार में कर चोरी तो सरेआम हो रही है। इस कारोबार से जुड़े लोगों ने बताया कि वे वाणिज्य कर विभाग के अधिकारियों की सेवा करते रहते हैं। आयकर विभाग को भी इस बड़ी आय से कोई कर नहीं मिल रहा है।
नियमानुसार यदि भूमि का खेती के अलावा अन्य कोई उपयोग किया जाता है तो उसका डायवर्सन आवश्यक होता है। इस इलाके में कुछ मैरिज गार्डन ऐसे हैं, जिनका डायवर्सन नहीं हुआ है। इसी तरह प्रतिवर्ष २५ लाख रुपए से भी अधिक कमाई वाले इस कारोबार में कर चोरी तो सरेआम हो रही है। इस कारोबार से जुड़े लोगों ने बताया कि वे वाणिज्य कर विभाग के अधिकारियों की सेवा करते रहते हैं। आयकर विभाग को भी इस बड़ी आय से कोई कर नहीं मिल रहा है।
कई मैरिज गार्डन करते हैं बिजली चोरी
ज्यादातर मैरिज गार्डन शादियों व अन्य कार्यक्रमों में चोरी की बिजली का उपयोग करते हैं। कुछ ने कामशर््िायल कनेक्शन के स्थान पर घरेलू अथवा कृषि कार्य के नाम पर कनेक्शन ले रखे हैं, लेकिन उपयोग व्यावसायिक ही हो रहा है। इस तरह लाखों रुपए की बिजली चोरी मैरिज गार्डन कर रहे हैं। बिजली कंपनी भी इस बात की जांच करना जरूरी नहीं समझती है।
ज्यादातर मैरिज गार्डन शादियों व अन्य कार्यक्रमों में चोरी की बिजली का उपयोग करते हैं। कुछ ने कामशर््िायल कनेक्शन के स्थान पर घरेलू अथवा कृषि कार्य के नाम पर कनेक्शन ले रखे हैं, लेकिन उपयोग व्यावसायिक ही हो रहा है। इस तरह लाखों रुपए की बिजली चोरी मैरिज गार्डन कर रहे हैं। बिजली कंपनी भी इस बात की जांच करना जरूरी नहीं समझती है।
इन नियमों की अनदेखी
– नियमानुसार मैरिज गार्डन के लिए सड़क से दूरी निर्धारित है। इसके विपरीत अधिकांश मैरिज गार्डन मु़ख्य मार्गों से सटे हुए हैं। बहुत से तो एनएच-१२ के किनारे हैं। इससे यातायात में बाधा उत्पन्न होती है।
– ज्यादातर मैरिज गार्डनों में पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। इससे वाहन मुख्य मार्गों पर खड़े रहते हैं।
– इनके निमार्ण में सुरक्षा मानकों की अनदेखी की गई है। इससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
– नियमानुसार मैरिज गार्डन के लिए सड़क से दूरी निर्धारित है। इसके विपरीत अधिकांश मैरिज गार्डन मु़ख्य मार्गों से सटे हुए हैं। बहुत से तो एनएच-१२ के किनारे हैं। इससे यातायात में बाधा उत्पन्न होती है।
– ज्यादातर मैरिज गार्डनों में पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। इससे वाहन मुख्य मार्गों पर खड़े रहते हैं।
– इनके निमार्ण में सुरक्षा मानकों की अनदेखी की गई है। इससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
यदि हमारे अधिकार क्षेत्र में कोई मैरिज गार्डन शासन द्वारा इनके लिए तय की गई गाइड लाइन का उल्लंघन कर रहा है तो इसका जिम्मेदार नगर परिषद है। वहीं मुझे इस संबंध में पूरी जानकारी उपलब्ध नहीं है।
– संजय उपाध्याय, एसडीएम, बरेली
-नगर परिषद में मैरिज गार्डनों का रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है, न ही गार्डनों से कोई टैक्स यहां पर जमा होता है। हम शीघ्र ही गार्डनों को नोटिस भेजकर उन पर कार्रवाई करेंगे।
– श्याम सुन्दर श्रीवास्तव, सीएमओ नगर परिषद, बरेली
– संजय उपाध्याय, एसडीएम, बरेली
-नगर परिषद में मैरिज गार्डनों का रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है, न ही गार्डनों से कोई टैक्स यहां पर जमा होता है। हम शीघ्र ही गार्डनों को नोटिस भेजकर उन पर कार्रवाई करेंगे।
– श्याम सुन्दर श्रीवास्तव, सीएमओ नगर परिषद, बरेली