ये उपकरण जरूरी हैं
लाइन में छोटा सुधार हो या बड़ा कार्य सुरक्षा उपकरणों का इस्तेमाल करना अनिवार्य होता है। बिजली सुधार करते समय प्रत्येक बिजली कर्मचारी के पास हाथों में पहनने वाले नायलोन के लांग ग्लब्स, लांग बूट, हेलमेट, कैप, टैस्टर, टॉर्च, झूला, सीढ़ी और सूती कपड़े पहनना जरूरी है। मगर रायसेन शहर में जब भी बिजली सुधार कार्य होता है, तब कंपनी के मैदानी एवं सर्विस प्रोवाइडर के कर्मचारी इन उपकरणों का इस्तेमाल कम ही करते हैं। कई बार बिना सुरक्षा उपकरणों के ही डीपी पोल पर चढ़कर सुधार किया जाता है।
लाइन में छोटा सुधार हो या बड़ा कार्य सुरक्षा उपकरणों का इस्तेमाल करना अनिवार्य होता है। बिजली सुधार करते समय प्रत्येक बिजली कर्मचारी के पास हाथों में पहनने वाले नायलोन के लांग ग्लब्स, लांग बूट, हेलमेट, कैप, टैस्टर, टॉर्च, झूला, सीढ़ी और सूती कपड़े पहनना जरूरी है। मगर रायसेन शहर में जब भी बिजली सुधार कार्य होता है, तब कंपनी के मैदानी एवं सर्विस प्रोवाइडर के कर्मचारी इन उपकरणों का इस्तेमाल कम ही करते हैं। कई बार बिना सुरक्षा उपकरणों के ही डीपी पोल पर चढ़कर सुधार किया जाता है।
नौसिखिए करते हैं काम
सर्विस प्रोवाइडरों द्वारा अलग-अलग कार्यों के लिए कर्मचारी रखे गए हैं। बताया जा रहा है कि लाइन सुधार के समय भी सर्विस प्रोवाइडर के नए कर्मचारियों को साथ में रखा जाता है। नियमानुसार लाइन सुधारते समय खंभे पर सिर्फ लाइनमैन को ही चढऩा चाहिए, लेकिन यहां लाइनमैन नीचे खड़े रहते और नौसिखिए खंभे पर चढ़कर बिजली सुधारते हैं।
सर्विस प्रोवाइडरों द्वारा अलग-अलग कार्यों के लिए कर्मचारी रखे गए हैं। बताया जा रहा है कि लाइन सुधार के समय भी सर्विस प्रोवाइडर के नए कर्मचारियों को साथ में रखा जाता है। नियमानुसार लाइन सुधारते समय खंभे पर सिर्फ लाइनमैन को ही चढऩा चाहिए, लेकिन यहां लाइनमैन नीचे खड़े रहते और नौसिखिए खंभे पर चढ़कर बिजली सुधारते हैं।