उन्होंने कहा कि इस बार एक बार फिर से मप्र डिप्लोमा इंजीनियरों ने यह फैसला लिया है कि हमारी जायज सालों पुरानी लंबित मांगों को पूरा कराएं। इसीलिए शासन के विभिन्न विभागों में कार्यरत नियमित स्थापना, संविदा पर कार्यरत उपयंत्री, संवर्ग के सभी अभियंता एवं उच्च पदों पर कार्यरत डिप्लोमाधारी अभियंता 2 मई से बेमियादी हड़ताल पर चले गए हैं। जिससे सरकारी विभागों के निर्माण, विकास कार्य ठप हो गए हैं। इंजीनियर केके जाटव, एसडी चौरसिया ने कहा कि आगामी 9 मई से जल मल सेवा सहित तमाम जरूरी सेवाएं बंद हो जाएंगी।
कोषाध्यक्ष आरसी बिटोरिया ने कहा कि एक साल गुजर जाने के बाद भी हमारी पांच सूत्रीय मांगों को सीएम शिवराज सिंह चौहान घोषणो बाद भीपूरा नहीं कर रहे हैं। इस बार हम लोग आन्दोलन बड़े पैमाने पर की जाएगी। 10 अप्रैल 2017 को मुख्यमंत्री से प्रदेश स्तर के संगठन पदाधिकारियों से चर्चा की।
सीएम के निर्देश पर 13 अप्रैल 2017 को शासन द्वारा एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया गया। कमेटी को महीनेभर का समय मांगों का परीक्षण करने मांगा था। उक्त कमेटी द्वारा रिपोर्ट पेश करने में जानबूझकर लापरवाही बरती जा रही है। जो कि सरसर गलत व अनुचित है।
मालूम हो कि 16 मार्च 2018 को राजधानी भोपाल में प्रदेशभर के 12 हजार उपयंत्री सभी उप अभियंताओं ने विरोध कर प्रदर्शन किया था। लेकिन फिर भी मप्र सरकार गहरी नींद से नहीं जागी है। इस अवसर पर इंजीनयिर केके जाटव, सुलेश कुमार युवने, उमाकांत आर्य,अरूण कुमार, तुलसीराम अहिरवार, प्रकाश चौहान, रेखा तंवर, अपेक्षा राय, संगीता साहू आदि विशेष रूप से उपस्थित रहीं।