डीजल, तेल गैस की खोज में लगे विशेषज्ञ, किसान चिंतित
स्थानीय प्रशासन के पास नहीं है कोई जानकारी।
किसान बोले मूंग की फसल हो रही बर्बाद
अस्सी फीट गहरे गड्ढे में ब्लॉस्टिगं से खराब हो जाएंगे बोर।
रायसेन
Published: May 24, 2022 02:10:02 pm
बरेली. शहर से लगभग 10 किलोमीटर दूरी पर बसे ग्राम केलकच्छ में भारत सरकार के आदेश पर ओएनजीसी ने लगभग 5 किसानों के खेतों में
८०-८० फीट गहरे बोर करवाए। बताया जा रहा है कि यहां डीजल, तेल और गैस मिलने की संभावना को लेकर गड्ढे कराए गए हैं। बोरिगं करने वाले कर्मचारी १६किलोमीटर दूरी तक केबल लाइन डालेंगे, उसके बाद विस्फोट किया जाएगा। अब किसानों को डर इस बात का है कि इस विस्फोट से कहीं उनके नलकूपों पर प्रभाव ना पड़े। जिससे सिंचित जमीन खराब होने की चिंता किसानों को सताने लगी।
विशेषज्ञ पेट्रोलियम पदार्थों की खोज में जुटे हैं, लेकिन अभी मशीनों का यहां पर आना बाकी है। बताया जा रहा है कि यह कार्य कई दिनों तक चलेगा। यदि वैज्ञानिक इसमें सफल होते हैं तो किसानों को मुआवजा भी दिया जाएगा। इस दौरान यहां पर कार्य करने वाले कर्मचारी व मैनेजर किसी प्रकार की किसानों को अनुमति संबंधी दस्तावेज नहीं दिखा रहे। जबकि ओएनजीसी भारत सरकार के अधीन है। सर्वे कराकर ऐसी जगह कार्य करती है जहां तेल के भंडार का पता लग सके। दूसरी ओर जिन किसानों के खेतों में बोरिंग कार्य चल रहा है, उन्हें पुख्ता जानकारी भी नहीं दी जा रही।
इनका कहना
इस कार्य से उनके खेतों में लगी मूंग की फसल बर्बाद होने लगी। ८० फीट बोर कर ब्लॉस्टिगं की जाएगी। इससे उनके ट्यूबवेल बोर खराब हो जाएंगे।
राजेश पटेल, किसान ग्राम केलकच्छ।
हमारे पास भारत सरकार की अनुमति है, इसी आधार पर हम यहां कार्य कर रहे हैं। लगभग 60 से 80 फी खुदाई कर केमिकल डालकर ब्लास्ट किया जाएगा।
जवाहरलाल झारिया, सुपरवाइजर।
वर्जन
प्राकृतिक तेल की खोज को लेकर हमारे पास कोई लिखित जानकारी नहीं है। इस संबंध में राजस्व अमले से जानकारी एकत्रित की जाएगी।
प्रमोद गुर्जर, एसडीएम बरेली

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