अफसरों के भरोसे बिगड़ जाएगी फसल
किसान वीरेन्द्र सिंह सोलंकी ने बताया कि पानी नहीं मिलने के कारण किसानों की बोवनी लेट हो रही थी। बजट आने और अधिकारियों के भरोसे रहने पर सफाई होने की प्रतीक्षा करते तो किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ता। बोवनी लेट होती और इससे फसल के उत्पादन पर असर पड़ेगा। यहीं नहीं लेट बोवनी होने पर मौसमी मार भी पड़ती है। मसूर बावड़ी तालाब से निकली नहरों में अधिकारियों ने बिना सफाई किए ही पानी छुड़वा दिया था, जिसके चलते शुरुआती क्षेत्र के किसानों को पर्याप्त पानी मिला। मगर आगे के किसानों को पानी नहीं मिल पा रहा था।
चंदा कर नहर की सफाई करवाई
किसान रघुवीर सिंह, राजेश सिंह, चंद्रभान सोलंकी आदि ने बताया कि अधिकारी बजट की कमी बताकर नहर सफाई नहीं करवा रहे है। बजट कब तक आएगा यह भी स्पष्ट नहीं बताया जा रहा है। ऐसे में ग्रामवासियों ने आपस में चंदा कर नहरों की सफाई जेसीबी मशीन से करवाई। वहीं कुछ किसानों ने स्वयं सफाई करवाई, ताकि समय से पानी मिल सके। एक तो पहले ही बोवनी लेट हो गईं और इंतजार करते तो इस साल बोवनी ही रह जाती। इसीलिए हम लोगों ने चंदा करके सफाई करवा ली।
अधिकारियों ने बताई बजट की कमी
इस समय पलेवा से लेकर बोवनी हो चुकी फसलों में पानी की सबसे ज्यादा जरुरत है। मगर जल संसाधन विभाग ने अब तक नहरों की सफाई नहीं करवाई। जब किसानों ने यह समस्या जिम्मेदार अफसरों को बताई तो उन्होंने बजट न होने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया। ऐसे में किसान स्वयं अपने खर्च पर सफाई करने में जुट गए। इससे सभी किसानों और अंतिम छोर पर बैठे किसान को भी सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध हो सकेगा। पिछले वर्ष किसानों ने एक लाख रुपए एकत्रित कर नहरों की साफ-सफाई करवाई थी।
-केके जाटव, एसडीओ, गैरतगंज जल संसाधन विभाग।