लाल धान किसान खेतों में नहीं लगाए
कृषि विभाग के उप संचालक ने किसानों को दी सलाह, लाल धान की खेती नुकसानदायक।
रायसेन
Published: July 21, 2022 09:37:46 pm
रायसेन. जिले के किसान बंधुओं से लाल धान की खेती नहीं करने की अपील कृषि विभाग के उप संचालक एनपी सुमन ने की है। उन्होंने बताया कि जिले में धान खरीफ मौसम की प्रमुख फसल है, इसकी खेती का रकबा प्रतिवर्ष बढ़ता जा रहा है। इस वर्ष भी लगभग ढाई लाख हैक्टयेर में धान लगाने का लक्ष्य रखा गया है। हालांकि अभी बरसात नहीं हो सकी तो धान की रोपाई में देरी हो रही है। जिले में मोटी धान एवं बासमती धान की बड़ी मात्रा में खेती की जाती है। जिसकी गुणवत्ता देश.विदेश तक फैली हुई है लेकिन जिले में कुछ स्थानों पर किसान भाई अनजाने में लाल धान लगा रहे हैं।
ेलाल धान की खेती करने वाले किसानों को प्रति हेक्टर उत्पादन तो कम मिलता ही है। साथ ही प्रसंस्करण के दौरान दाने टूटने से चावल की गुणवत्ता भी खराब होती है। जिससे बाजार में उक्त धान की मांग कम रहने के साथ उचित दाम भी नहीं मिलता। लाल धान की खेती करने के दौरान सबसे बड़ी समस्या किसानों को उसे बेचने के दौरान आती है। जब लाल धान बेचने के लिए किसान समर्थन मूल्य खरीदी केन्द्र पर लाते हैं, तो उसे खरीदा नहीं जाता। इसके बाद किसान और केन्द्र पर बैठे कर्मचारियों के बीच वाद-विवाद होने लगता है। कृषि विभाग के अधिकारी ने किसानों को लाल धान की जगह भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद एवं कृषि विश्वविद्यालय के विज्ञान केंद्रों से अनुशंसित किस्मों जैसे पूसा.1, पूसा.1121, पूसा.1460, पूसा.1637, पूसा.1718, पूसा.1692, आईआर.64, आई आर.36, जे आर.767 और एमटी यू.1010 का चयन कर लगाना चाहिए। ताकि धान की पैदावार बेहतर हो और किसानों को उपज के उचित दाम भी मिले।

लाल धान किसान खेतों में नहीं लगाए
पत्रिका डेली न्यूज़लेटर
अपने इनबॉक्स में दिन की सबसे महत्वपूर्ण समाचार / पोस्ट प्राप्त करें
अगली खबर
