ऊर्जा विभाग ने कृषक अनुदान योजना को समाहित करने हुए किसानों के अस्थायी कृषि पंप बिजली कनेक्शनों को स्थायी करने नए कनेक्शन प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पंप बिजली कनेक्शन योजना लागू की थी। बिजली कंपनी पाटनदेव स्थित कार्यालय में मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पंप कनेक्शन के लिए मार्च माह 2017 में 2360 किसानों ने लाभ लेने आवेदन जमा किए थे। 200-200 किसानों की लिस्ट बनाकर अब कनेक्शन प्रदान किए जा रहे हैं। अब तक 2700 किसानों को कनेक्शन दिए जा चुके हैं। लेकिन 800 आवेदन अभी लंबित चल रहे। इस कार्य में जिले में 110 ठेकेदार कार्य कर रहे हैं। इसलिए काम की गति ढीली है। इनमें गैरतगंज तहसील से ही लगभग 500 से ज्यादा किसानों ने आवेदन जमा किए थे।
वर्ष 2017-18 में दो हैक्टेयर से कम भूमिधारक अजा-जजा के लिए लघु एवं सीमांत किसान साढ़े पांच हजार रुपए और अन्य कृषक साढ़े सात हजार रुपए विभाग में जमा कर योजना का लाभ ले सकते हैं। इसी तरह दो हैक्टेयर से ज्यादा भूमि धारक वाले किसान 12 हजार रुपए प्रति हॉर्स पावर के मान से अदा कर पंप कनेक्शन का लाभ ले सकेंगे। जबकि वर्ष 2018-19 के दौरान योजना का लाभ लेने के लिए दो हैक्टेयर से कम जमीन धारक अजजा, अजा के लघु और सीमांत कृषक को छह हजार रुपए और अन्य कृषक को आठ हजार रुपए अदा करने होंगे।
इस साल वैसे ही तो अल्प बारिश हुई है। ऐसे में समय पर फसलों की सिंचाई नहीं हुई तो फसलें खराब हो जाएंगी। राशि जमा होने व स्वीकृति के तुरंत बाद कनेक्शन देने का वायदा यहां झूठा साबित हो रहा है। अब भी रायसेन जिले में सैकड़ों किसान ऐसे हैं जिन्होंने स्थायी बिजली कनेक्शन के लिए 30 से 50 हजार रुपए कर्ज लेकर जमा किए हैं। बिजली कंपनी के डीई एसपी दुबे का कहना है कि बिजली कंपनी भोपाल कार्यालय से उनको उतनी संख्या में ट्रांसफार्मर नहीं मिल पा रहे हैं। जितनी संख्या में हर दिन आवेदन आए थे। यही वजह है कि स्थायी कृषि पंप कनेक्शन लंबित हो रहे हैं।
अप्रैल और मई माह में जिन किसानों ने स्थायी कृषि पंप कनेक्शन के लिए बिजली कंपनी कार्यालय में आवेदन के साथ रुपए जमा कर दिए थे। उन्हें अब तक कनेक्शन नहीं मिले हैं। इनमें बड़ोदा सांचेत के दलित किसान मदन लाल जाटव, अलीम पटेल सदालतपुर, बेजा बाई बंजारा सेहतगंज, राजू मंडलोई फूलश्री, कालूराम विश्वकर्मा नकतरा आदि ने कलेक्टर भावना बालिम्वे को आवेदन देकर शिकायत की थी। कलेक्टर ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कंपनी के आला-अफसरों को जल्द बिजली कनेक्शन दिलाने की बात कही थी। लेकिन कलेक्टर के आदेश भी बेअसर साबित हो रहे।
केके चतुर्वेदी कंस्ट्रक्शन डीई
बिजली कंपनी रायसेन।