scriptआठ माह बीतने के बाद भी किसानों को नहीं मिले बिजली कनेक्शन | Farmers do not get electricity connection | Patrika News

आठ माह बीतने के बाद भी किसानों को नहीं मिले बिजली कनेक्शन

locationरायसेनPublished: Dec 18, 2017 12:13:41 pm

रायसेन डिवीजन में 800 कनेक्शन लंबित, फसलों पर सिंचाई का संकट, किसान हो रहे परेशान

ssc online: Flat rate of electricity in mp

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रायसेन। इन दिनों खेतों में गेहूं, चना, मसूर सहित अन्य फसलों की बोवनी अधिकतर स्थानों पर हो चुकी है। कई जगह बोवनी हुए एक माह का समय बीत चुका है तो कहीं पर एक सप्ताह से पन्द्रह दिन पहले बोवनी हुई है। बोवनी के बाद गेहूं, चने की फसलों को पानी की आवश्यकता पडऩे लगी है। लेकिन कई किसानों के सामने फसलों की सिंचाई के लिए संकट बना हुआ है, क्योंकि उनके पास कृषि पंप चलाने के लिए बिजली कनेक्शन ही नहीं है।

ऐसा नहीं है कि किसानों ने बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन नहीं किया हो। लेकिन बिजली कंपनी की लापरवाही से किसानों को स्थाई बिजली कनेक्शन नहीं मिल सके। जबकि किसानों ने इसके लिए ५०-५० हजार रुपए की राशि भी जमा करा दी है। राशि जमा किए लगभग आठ से नौ माह बीत चुके हैं। बताया जा रहा है कि रायसेन डिवीजन में करीब आठ सौ किसान ऐसे हैं, जिन्हें मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पंप कनेक्शन योजना का लाभ नहीं मिला। जबकि नियम छह माह के भीतर कनेक्शन देने का बनाया गया है। नतीजतन प्रतिदिन दर्जनों किसान कनेक्शन के लिए बिजली कंपनी के पाटनदेव स्थित दफ्तर के चक्कर काटने के लिए मजबूर हैं। लेकिन कोई अधिकारी इन अन्नदाताओं को सही जवाब नहीं दे पा रहे।

ऊर्जा विभाग ने शुरू की थी कृषक अनुदान योजना
ऊर्जा विभाग ने कृषक अनुदान योजना को समाहित करने हुए किसानों के अस्थायी कृषि पंप बिजली कनेक्शनों को स्थायी करने नए कनेक्शन प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पंप बिजली कनेक्शन योजना लागू की थी। बिजली कंपनी पाटनदेव स्थित कार्यालय में मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पंप कनेक्शन के लिए मार्च माह 2017 में 2360 किसानों ने लाभ लेने आवेदन जमा किए थे। 200-200 किसानों की लिस्ट बनाकर अब कनेक्शन प्रदान किए जा रहे हैं। अब तक 2700 किसानों को कनेक्शन दिए जा चुके हैं। लेकिन 800 आवेदन अभी लंबित चल रहे। इस कार्य में जिले में 110 ठेकेदार कार्य कर रहे हैं। इसलिए काम की गति ढीली है। इनमें गैरतगंज तहसील से ही लगभग 500 से ज्यादा किसानों ने आवेदन जमा किए थे।
राशि जमा करने का है प्रावधान
वर्ष 2017-18 में दो हैक्टेयर से कम भूमिधारक अजा-जजा के लिए लघु एवं सीमांत किसान साढ़े पांच हजार रुपए और अन्य कृषक साढ़े सात हजार रुपए विभाग में जमा कर योजना का लाभ ले सकते हैं। इसी तरह दो हैक्टेयर से ज्यादा भूमि धारक वाले किसान 12 हजार रुपए प्रति हॉर्स पावर के मान से अदा कर पंप कनेक्शन का लाभ ले सकेंगे। जबकि वर्ष 2018-19 के दौरान योजना का लाभ लेने के लिए दो हैक्टेयर से कम जमीन धारक अजजा, अजा के लघु और सीमांत कृषक को छह हजार रुपए और अन्य कृषक को आठ हजार रुपए अदा करने होंगे।
सिंचाई नहीं हुई तो खराब हो जाएंगी फसलें
इस साल वैसे ही तो अल्प बारिश हुई है। ऐसे में समय पर फसलों की सिंचाई नहीं हुई तो फसलें खराब हो जाएंगी। राशि जमा होने व स्वीकृति के तुरंत बाद कनेक्शन देने का वायदा यहां झूठा साबित हो रहा है। अब भी रायसेन जिले में सैकड़ों किसान ऐसे हैं जिन्होंने स्थायी बिजली कनेक्शन के लिए 30 से 50 हजार रुपए कर्ज लेकर जमा किए हैं। बिजली कंपनी के डीई एसपी दुबे का कहना है कि बिजली कंपनी भोपाल कार्यालय से उनको उतनी संख्या में ट्रांसफार्मर नहीं मिल पा रहे हैं। जितनी संख्या में हर दिन आवेदन आए थे। यही वजह है कि स्थायी कृषि पंप कनेक्शन लंबित हो रहे हैं।
कलेक्टर से भी की गई अर्जी देकर शिकायत
अप्रैल और मई माह में जिन किसानों ने स्थायी कृषि पंप कनेक्शन के लिए बिजली कंपनी कार्यालय में आवेदन के साथ रुपए जमा कर दिए थे। उन्हें अब तक कनेक्शन नहीं मिले हैं। इनमें बड़ोदा सांचेत के दलित किसान मदन लाल जाटव, अलीम पटेल सदालतपुर, बेजा बाई बंजारा सेहतगंज, राजू मंडलोई फूलश्री, कालूराम विश्वकर्मा नकतरा आदि ने कलेक्टर भावना बालिम्वे को आवेदन देकर शिकायत की थी। कलेक्टर ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कंपनी के आला-अफसरों को जल्द बिजली कनेक्शन दिलाने की बात कही थी। लेकिन कलेक्टर के आदेश भी बेअसर साबित हो रहे।
योजना के तहत किसानों को बिजली कनेक्शन देने के लिए छह माह की समयावधि निर्धारित की गई है। इस अवधि के हिसाब से किसानों को बिजली कनेक्शन दिए जा रहे हैं। अभी आठ सौ से ज्यादा बिजली कनेक्शन लंबित है, क्योंकि फिलहाल उतने आवेदन के हिसाब से ट्रांसफार्मर नहीं मिल पा रहे हैं।
केके चतुर्वेदी कंस्ट्रक्शन डीई
बिजली कंपनी रायसेन।
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