इससे परेशान किसानों ने औने-पौने दामों पर अपनी उपज व्यापारियों को बेच दी। मंडी सचिव उमेश शर्मा ने बताया कि बुधवार को लगभग 20 ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में लगभग450 से 500 क्विंटल गेहूं की उपज की आवक हुई। इस वर्ष नए गेहूं की आवक यह पहला दिन ही रहा। पहले दिन किसानों को 1700 रुपए से लेकर 1860 रुपए प्रति क्विंटल के दाम पर गेहूं बेचना पड़ा। इसी तरह 35 टै्रक्टर-ट्रॉलियों में धान की आवक दर्ज हुई।
गौरतलब है कि 25 मार्च से जिले में गेहूं खरीदी प्रारंभ होना थी, लेकिन नागरिक आपूर्ति निगम, जिला सहकारी बैंक, खाद्य विभाग और जिला प्रशासन मिलकर अभी तक खरीदी केन्द्र का स्थान ही चयन नहीं कर पाए।
इन्हें मिले एसएमएस
रायसेन मंडी परिसर केन्द्र के तहत डाबरा के किसान रविशंकर को १२५ क्विंटल गेहूं और किसान लीलाबाई को १५२ क्विंटल गेहूं बेचने का एसएमएस प्राप्त हुआ है। सालेरा के तेजराम ने बताया कि उन्हें भी २१ क्विंटल गेहूं बेचने का एसएमएस मिल चुका है। मगर खरीदी केन्द्र की अब तक शुरुआत नहीं हुई।
फसल कटाई का दौर शुरू
इन दिनों जिले भर में फसल कटाई का दौर तेजी से चलने लगा है। कटाई के साथ फसलों की थ्रेसिंग का कार्य भी चल रहा है। मगर जिम्मेदारों की लापरवाही कहें या फिर उदासीन रवैया, इस कारण केन्द्रों का निर्धारण नहीं हो सका।
इससे परेशान होकर किसान अब कृषि उपज मंडी में उपज बेचने के लिए आने लगे। हालांकि मंडी परिसर में बुधवार को टीन में बारदानों की गठानों को उतरवाया गया, लेकिन खरीदी कब से शुरू होगी यह बताने के लिए कोई भी जिम्मेदार अधिकारी तैयार नहीं है।
जिलेभर में किसानों की उपज तुलाई में परेशानी नहीं होने दी जाएगी। जिले की ७१ सोसायटियों के तहत १२१ गेहूं खरीदी बनाए गए हैं। किसानों के मोबाइल पर भोपाल से ही उपज की तुलाई कराने एसएमएस भेजे जाएंगे। किसान चिंतित नहीं हो आपका एक-एक दाना खरीदा जाएगा।
-एस प्रिया मिश्रा, कलेक्टर।