scriptबोवनी की राह में खाद का अड़ंगा | Fertilizer obstacle in the way of sowing | Patrika News

बोवनी की राह में खाद का अड़ंगा

locationरायसेनPublished: Jun 29, 2021 12:11:34 am

अभी तक 01 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है खरीफ की बोवनी, समय पर नहीं मिल रहा खाद

अभी तक 01 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है खरीफ की बोवनी, समय पर नहीं मिल रहा खाद

बोवनी की राह में खाद का अड़ंगा

रायसेन. जिले में खरीफ फसलों की बोवनी अब रफ्तार पकडऩे लगी है, किसानों को समय पर खाद नहीं मिल रहा है। हाल ये हंै कि कभी डीएपी तो कभी यूरिया नहीं मिलने से किसान बोवनी नहीं कर पा रहे हैं। मार्कफेड और सहकारी समितियों के बीच ड्राफ्ट के लेन-देन में खाद अटक रहा है, जबकि जिले में खाद की कमी नहीं है। यह समस्या शुरुआत से ही बनी हुई है। जिला सहकारी बैंक की 113 समितियां जिले में किसानों को खाद बांट रही हैं, लेकिन इन समितियों की लिमिट कम होने से खाद मिलने में हर बाद लगभग एक सप्ताह का गैप हो जाता है, जिससे किसानों को खाद नहीं मिलता है। समय से पहले मानसून आने और फिर बतर मिलने से किसानों को बोवनी करने का मौका मिल गया, जिससे जून माह में ही खरीफ की बोवनी ने रफ्तार पकड़ ली है। अभी तक धान की रकबा सबसे ज्यादा है। उसके बाद सोयाबीन और मक्का की बोवनी की जा रही है। मौसम भी खेती के अनुकूल बना हुआ है। समय पर खाद मिलता रहे तो जून माह में ही जिले में लक्ष्य के करीब बोवनी हो सकती है।

क्या कहता है मौसम: मौसम विज्ञान केन्द्र के अनुसार पूर्व पश्चिमी टर्फ मध्यप्रदेश से होकर गुजर रहा है व झारखंड से दक्षिणी छत्तीसगढ़ तक भी एक टर्फ बना हुआ है। इसके अलावा पंजाब से बंगाल की खाड़ी तक भी एक टर्फ बना हुआ है। इन सभी वेदर सिस्टम के सक्रिय होने से मध्यप्रदेश में अच्छी बारिश हो रही है। ग्रामीण मौसम केन्द्र, सीहोर से प्राप्त जानकारी अनुसार अगले 5 दिनों में 100-110 मिमी बारिश होने की सम्भावना है।

बोवनी से पूर्व यह करें: कृषि विशेषज्ञ स्वप्रिल दुबे के अनुसार धान की सीधी बोवनी में खेत की तैयारी के समय म्यूरेट ऑफ पोटाश 50 किग्रा/हैक्टेयर की दर से व बोवनी के समय डीएपी 100 किग्रा/हैक्टेयर, यूरिया 140 किग्रा/हैक्टेयर मात्रा 3-4 बार में खेत में छिड़काव करें। धान की रोपाई करते समय डीएपी 125 किग्रा, म्यूरेट ऑफ पोटाश 50 किग्रा व 2 से 3 दिन बाद जिंक सल्फेट 21 प्रतिशत मात्रा 25 किग्रा प्रति हेक्टेयर की दर से प्रयोग करें। धान की बोवनी के बाद व फसल के अंकुरण से पहले (2-3 दिन के अन्दर) खरपतवार नाशक पेंडामिथिलीन 30 ईसी मात्रा 1.25 लीटर/एकड़ या पेंडामिथिलीन 38.7 सीएस. मात्रा 700 मिली/एकड़ 150-200 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें। सोयाबीन, उड़द, मूंग को पीला मोजेक रोग से बचाव के लिए बीज को थायोमिथाक्जाम 30 एफ.एस मात्रा 10 मिली/किलो बीज या इमिडाक्लोप्रिड 48 एफ.एस 1.25 मिली/किलो बीज से उपचारित करें। पीला मोजेक का नियंत्रण बोवनी पूर्व बीजोपचार करके ही किया जा सकता है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो