क्या कहता है मौसम: मौसम विज्ञान केन्द्र के अनुसार पूर्व पश्चिमी टर्फ मध्यप्रदेश से होकर गुजर रहा है व झारखंड से दक्षिणी छत्तीसगढ़ तक भी एक टर्फ बना हुआ है। इसके अलावा पंजाब से बंगाल की खाड़ी तक भी एक टर्फ बना हुआ है। इन सभी वेदर सिस्टम के सक्रिय होने से मध्यप्रदेश में अच्छी बारिश हो रही है। ग्रामीण मौसम केन्द्र, सीहोर से प्राप्त जानकारी अनुसार अगले 5 दिनों में 100-110 मिमी बारिश होने की सम्भावना है।
बोवनी से पूर्व यह करें: कृषि विशेषज्ञ स्वप्रिल दुबे के अनुसार धान की सीधी बोवनी में खेत की तैयारी के समय म्यूरेट ऑफ पोटाश 50 किग्रा/हैक्टेयर की दर से व बोवनी के समय डीएपी 100 किग्रा/हैक्टेयर, यूरिया 140 किग्रा/हैक्टेयर मात्रा 3-4 बार में खेत में छिड़काव करें। धान की रोपाई करते समय डीएपी 125 किग्रा, म्यूरेट ऑफ पोटाश 50 किग्रा व 2 से 3 दिन बाद जिंक सल्फेट 21 प्रतिशत मात्रा 25 किग्रा प्रति हेक्टेयर की दर से प्रयोग करें। धान की बोवनी के बाद व फसल के अंकुरण से पहले (2-3 दिन के अन्दर) खरपतवार नाशक पेंडामिथिलीन 30 ईसी मात्रा 1.25 लीटर/एकड़ या पेंडामिथिलीन 38.7 सीएस. मात्रा 700 मिली/एकड़ 150-200 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें। सोयाबीन, उड़द, मूंग को पीला मोजेक रोग से बचाव के लिए बीज को थायोमिथाक्जाम 30 एफ.एस मात्रा 10 मिली/किलो बीज या इमिडाक्लोप्रिड 48 एफ.एस 1.25 मिली/किलो बीज से उपचारित करें। पीला मोजेक का नियंत्रण बोवनी पूर्व बीजोपचार करके ही किया जा सकता है।