कुछ ऐसी ही स्थिति पंजाब प्रांत से सोयाबीन कटाई के लिए हार्वेस्टर लेकर कामगारों की भी है। इस बार इन्हें सोयाबीन की कटाई किए बिना ही खाली हाथ पंजाब लौटने को मजबूर होना पड़ रहा है। हार्वेस्टर चलाकर फसल निकालने वाले पंजाब के मनप्रीत बादल सिंह ने बताया कि अपने प्रांत से चलने से पूर्व यहां के कुछ लोगों से चर्चा की गई थी उन्होंने बताया था कि फसल बर्बाद हो गई है। मगर हमें उम्मीद इस बात की थी कि कुछ ना कुछ फसल तो कटाई के दौरान निकल कर सामने आएगी। मगर यहां स्थिति को देखा दो पता चला कि खेतों में कुछ बचा ही नहीं है किसान अपने खेतों को साफ कराने के लिए मशीन चलवा रहे हैं।
खराब हुई फसलों के चलते कृषि कारोबार से जुड़े कई कामगार भी इस बार खाली हाथ रह गए। कृषि कार्य से जुड़े मजदूर जो कटाई कर अपने परिवार का भरण पोषण करते थे। उन्हें इस बार कोई भी काम हाथ नहीं लगा, जिससे आगामी त्यौहार मनाने के साथ ही वर्ष भर की व्यवस्थाओं को बनाने की दिक्कत उनके सामने खड़ी हो गई।
मंडीदीप. क्षेत्र में इस वर्ष कीट व्याधि से खराब हो रही धान की फसलों का मंगलवार को कृषि विभाग के अधिकारियों ने निरीक्षण किया। इस दौरान अधिकारियों ने फसलों को रोग मुक्त बनाने के लिए किसानों को आवश्यक दवाओं के छिड़काव की सलाह दी। अधिकारियों के दल ने सामनपुर खुर्द, पोलाहा, पिपलिया गज्जू, पिपलिया लोरका, सतलापुर, टीलाखेड़ी सहित अन्य गांव का दौरा किया। ओबेदुल्लागंज के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी डीएस भदोरिया ने बताया कि धान की फसल आगामी 10 से 15 दिन में कटने वाली है, लेकिन फसलों में गर्दन तोड़ा सहित अन्य रोग लगने से किसान परेशान हैं, कृषि वैज्ञानिकों एवं जिले की टीम के साथ खेतों का दौरा कर किसानों से रोग एवं कीट व्याधि का निरीक्षण कर चर्चा की। दल में डॉ. स्वपनिल दुबे, जितेन्द्र नामदेव, नारायण पाल, व्हीएस चौहान आदि शामिल थे।