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बाढ़ से घिरे गांव में बच्चे का जन्म, दो नदियां पार कर पहुंचीं महिला ने बचाई जान
मामला रायसेन जिले के मंगरोल गांव का है, जहं चारों तरफ से नर्मदा के पानी में गांव घिर गया था। उसी गांव में 22 वर्षीय पूजा ने रविवार को स्वस्थ बच्चे का जन्म दिया। उस बच्चे और महिला के लिए एनडीआरएल के जवान संकटमोचक बनकर पहुंचे। महिला के पति राजकुमार ने बताया कि भारी बारिश के बाद नर्मदा का जल स्तर निरंतर बढ़ रहा था, हम पूजा को अस्पताल नहीं ले जा सके थे। रायसेन जिला मुख्यालय से करीब 110 किलोमीटर दूर स्थित मंगरोल के राजकुमार ने बताया कि शनिवार रात से ही तेज बारिश होने और बरगी बांध के गेट खुलने से नर्मदा का जल स्तर तेजी से बढ़ने लगा था। गांव के चारों तरफ बाढ़ का पानी किसी समुद्र के टापू जैसा लग रहा था। गांव से क्या घर से बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया था।
राजकुमार ने बताया कि ऐसे दौर में गर्भवती पत्नी पूजा की चिंता बढ़ गई थी। बाढ़ का पानी इतना बढ़ गया था कि खुद बाहर निकलना और पत्नी और परिजनों की जान को भी जोखिम में डालना था।
संकट मोचक बने जवान
इसके बादराजकुमार ने बाढ़ राहत केंद्र को गांव में फंसे होने की सूचना दी। इसके बाद संकटमोचक बनकर एनडीआरएफ के जवान मंगरोल पहुंच गए। बचाव दल ने सबसे पहले पूजा को पास में ही स्थित बरेली के अस्पताल में भर्ती कराया, जहां पूजा ने स्वस्थ बेटे को जन्म दिया। एनडीआरएल के दल ने बाढ़ से निकालकर गर्भवती महिला समेत सभी लोगों की जान बचाई। राजकुमार ने कहा कि हमारे लिए एनडीआरएफ और डाक्टरों की टीम किसी देवदूत से कम नहीं हैं।
सामान्य डिलीवरी हुई
बरेली स्थित अस्पताल के चिकित्सक डा. गिरीश वर्मा के मुताबिक उनकी सहयोगी डा. रेणाकु अहिरवार ने पूजा की सामान्य डिलीवरी करवाई। पिछले दो दिनों से रायसेन, होशंगाबाद और सीहोर जिले समेत 12 जिलों में नर्मदा में बाढ़ है। सैकड़ों गांव बाढ़ के पानी में घिरे हुए हैं। हालांकि अब नर्मदा का जल स्तर घट रहा है और जिंदगी पटरी पर लौट रही है।