उन्होंने कहा कि सभी को निर्वाचन आयोग द्वारा मतदान संबंध में जारी दिशा-निर्देशों का पूर्ण ज्ञान होना आवश्यक है।
कलेक्टर, एसपी ने बैठकर प्रशिक्षण देखा
प्रशिक्षण में एसपी जगत सिंह राजपूत ने प्रशिक्षणार्थियों को मतदान के दौरान कानून व्यवस्था के संबंध में जानकारी दी। कलेक्टर मिश्रा एवं एसपी राजपूत ने प्रशिक्षणार्थियों से चर्चा के बाद उनके साथ बैठकर प्रशिक्षण की पूरी प्रक्रिया भी देखी।
मास्टर ट्रेनर्स द्वारा पीठासीन अधिकारी एवं मतदान अधिकारी क्रमांक-1 मतदान की प्रक्रिया समझाने के साथ ही ईव्हीएम की बैलेट यूनिट, कंट्रोल यूनिट और वीवीपैट मशीन को आपस में कनेक्ट करने की प्रक्रिया बताई।
पीठासीन अधिकारी की डायरी के उपयोग के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। इसके साथ ही अन्य विशेष सामग्रियां जैसे हरिपत्र मुद्रा, पेपर स्ट्रीप, सील, की भी जानकारी प्रदान की गई। इस अवसर पर रिटर्निंग ऑफ ीसर आदित्य शर्मा एवं नायब तहसीलदार बीएल पूर्विया भी उपस्थित थे।
स्पेशल टैग केन्द्र की सील, अमिट स्याही, चिन्हित प्रति, पीतल की सील, पिंक पेपर सील, मॉकपोल सील, ब्रेल लिपि डमी मतपत्र, प्लास्टिक बॉक्स, मॉकपोल सील, काला लिफाफा, मतदान प्रकोष्ठ, डिजिटल शीट, 16 बिन्दु प्रपत्र की प्रक्रिया बताई।
मीडिया को बताई वीपीपेट की बारीकियां बरेली. तहसील के सभाकक्ष में सोमवार को मीडिया कर्मियों के सामने वीपीपेेेेट मशीन का प्रदर्शन कर वीवीपेट मशीन की बारीकियां बताई गई। रिटर्निंग अधिकारी एसडीएम दिनेश सिंह तोमर और सहायक रिटर्निग अधिकारी तहसीलदार निकिता तिवारी की मौजूदगी में मास्टर टै्रनर डीएस राजपूत ने वीवीपेट मशीन का प्रदर्शन किया। इस दौरान वीवीपैट मशीन के संचालन को लेकर मीडिया कर्मियों ने सवालों की झड़ी लगा दी।
सहायक रिटर्निग अधिकारी निकिता तिवारी ने कहा कि यदि मतदाता पीठसीन अधिकारी के समक्ष दावा करता है कि वीवीपेेट मशीन में उसके द्वारा डाले गए मत के अनुसार पर्ची नहीं दिखी। तो उसे पुन: मतदान का अधिकार प्रदान किया जाए। ऐसा दावा करने वाले मतदाता को पीठासीन अधिकारी ने बताया कि यदि पुन: मतदान के समय उसका दावा गलत साबित हुआ, तो नियमानुसार सजा का प्रावधान है। वहीं रिटर्निग अधिकारी एसडीएम डीएस तोमर ने बताया कि अभ्यर्थियों को उन पर दर्ज अपराधिक प्रकरणों को प्रदेश के प्रमुख तीन समाचार पत्रों में तीन बार प्रकाशित कराना अनिवार्य है।
यदि कोई गयह दावा करता है कि उसके नाम से पहले वोट डालने वाला व्यक्ति फर्जी था। उसे अपने मताधिकार का प्रयोग करने दिया जाए। ऐसी परिस्थिति में दावा करने वाले मतदाता का टेंडर वोट डलवाया जाएगा।
टेंडर मत पर्ची के माध्यम से मतपेटी में डलवाया जाएगा।