जिससे चार पहिया वाहनों कागहरा नाले की पुलिया के पास आधा मार्ग तेज बहाव में निकलना पूरी तरह बंद हो गया है। दो पहिया वाहन बमुश्किल रिस्क लेकर निकाले जा रहे है। उक्त मार्ग के बह जाने से मरीजों खासकर प्रसुता महिलाओं को काफ ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कई लोग उक्त क्षतिग्रस्त मार्ग पर गिरकर घायल हो चुके है।
ग्रामीणों का कहना है
चंदोरिया निवासी प्रकाश, मुला बाई मढिय़ा निवासी लाल मियां ने बताया कि करीब डेढ़ साल पहले ठेकेदार द्वारा उक्त मार्ग का निर्माण कराया गया। गहरा नाले पर छोटे पुल का निर्माण किया। मगर इस बारिश में उक्त पुल के दोनों ओर की मार्ग तेज बहाव में कटकर बह गई, जिससे चार पहिया वाहन नहीं निकल पा रहे है। डिलेवरी के लिए एक महिला को ले जाने के लिए एक वाहन से पुल तक लाए।
चंदोरिया निवासी प्रकाश, मुला बाई मढिय़ा निवासी लाल मियां ने बताया कि करीब डेढ़ साल पहले ठेकेदार द्वारा उक्त मार्ग का निर्माण कराया गया। गहरा नाले पर छोटे पुल का निर्माण किया। मगर इस बारिश में उक्त पुल के दोनों ओर की मार्ग तेज बहाव में कटकर बह गई, जिससे चार पहिया वाहन नहीं निकल पा रहे है। डिलेवरी के लिए एक महिला को ले जाने के लिए एक वाहन से पुल तक लाए।
अब दूसरी ओर बेगमगंज से आटो बुलवाकर उसमें ले जा रहे है, जिससे मरीजों को खासतौर पर खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दो दिन पहले एक बाइक सवार बाइक निकालते समय गिर गया। जिससे उसके हाथ में फ्रेक्चर हो गया।
मीडिया से जानकारी मिली है, बारिश थमते ही तत्काल निरीक्षण कर संबंधित विभाग को सूचित कर मार्ग सही करवाया जाएगा।
-अखलेश जैन, एसडीएम बेगमगंज। सात दिन बाद शुरू हुआ आवागमन
बाड़ी. क्षेत्र में विगत 15 दिनों से हो रही लगातार बारिश के कारण बारना बांध के गेट खुले रहे थे। इस कारण पिछले एक सप्ताह से बाड़ी का संपर्क टूटा हुआ था। सात दिन रविवार को पुन: शुरू हुआ। विगत 15 दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण बारना बांध के बार-बार गेट खोले गए, जिसके कारण बरेली बारना नदी पर पानी आ गया था, जिससे बाड़ी का संपर्क बरेली, जबलपुर, पिपरिया, गाडरवारा, बेगमगंज आदि से संपर्क टूटा रहा था।
-अखलेश जैन, एसडीएम बेगमगंज। सात दिन बाद शुरू हुआ आवागमन
बाड़ी. क्षेत्र में विगत 15 दिनों से हो रही लगातार बारिश के कारण बारना बांध के गेट खुले रहे थे। इस कारण पिछले एक सप्ताह से बाड़ी का संपर्क टूटा हुआ था। सात दिन रविवार को पुन: शुरू हुआ। विगत 15 दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण बारना बांध के बार-बार गेट खोले गए, जिसके कारण बरेली बारना नदी पर पानी आ गया था, जिससे बाड़ी का संपर्क बरेली, जबलपुर, पिपरिया, गाडरवारा, बेगमगंज आदि से संपर्क टूटा रहा था।
शनिवार देर रात्रि को बारना बांध के चार गेटों से को मात्र 20 सेंटीमीटर ऊंचे रख कर चार हजार क्यूसेक मीटर पानी छोड़ा गया। बारना नदी से पानी उतरने के बाद रविवार को आवागमन शुरू हो पाया।
बरेली बारना नदी पर पानी आने का कारण
बारना बांध इंचार्ज एसडीओ जीएस तोमर ने बताया कि बारना बांध से 10000 क्यूसेक मीटर से ज्यादा पानी छोडऩे पर ही बरेली बारना नदी पर पानी आता है। 10000 क्यूसेक मीटर से कम पानी छोडऩे पर बारना नदी पर उसी स्थिति में पानी आएगा। जब घोगरा नदी एवं नर्मदा की ठेल होने पर 10000 क्यूसेक मीटर से कम पानी छोडऩे पर बरेली बारना नदी पर पानी नहीं आता है।
बारना बांध इंचार्ज एसडीओ जीएस तोमर ने बताया कि बारना बांध से 10000 क्यूसेक मीटर से ज्यादा पानी छोडऩे पर ही बरेली बारना नदी पर पानी आता है। 10000 क्यूसेक मीटर से कम पानी छोडऩे पर बारना नदी पर उसी स्थिति में पानी आएगा। जब घोगरा नदी एवं नर्मदा की ठेल होने पर 10000 क्यूसेक मीटर से कम पानी छोडऩे पर बरेली बारना नदी पर पानी नहीं आता है।