वार्ड नंबर 18 में लोगों के घरों में 4 फीट तक पानी भर गया जिससे उनके घर का सामान पानी में तैरने लगा। बताया जा रहा है कि बेगमगंज के वार्ड नंबर 18 में निर्माणाधीन पुलिया बनने के कारण पानी की निकासी नहीं होने से ऐसे हालात बने। लोगों के घरों में 4 फीट तक पानी भर गया और उनका रसोई गैस सिलेंडर से लेकर सारे घर के सामान पानी में तैरते नजर आए।
खास बात ये कि इतनी तबाही के बाद भी प्रशासनिक अधिकारी समय से मौके पर नहीं पहुंचे। सामाजिक कार्यकर्ता लोगों की मदद और भोजन का इंतजाम कर रहे हैं। अधिकारियों ने सुबह स्थिति का जायजा लिया, लेकिन राहत के कोई विशेष इंतजाम नहीं किए। फिलहाल लोग अपने आपसी सहयोग से ही इस परेशानी से निपटने का प्रयास कर रहे हैं। अपने स्तर पर पानी से बचने और खाने की व्यवस्था में लगे हुए हैं।
पानी में डूबे दो युवक
ज्ञात जानकारी के अनुसार रायसेन जिले के भोजपुर क्षेत्र मे कलियासोत स्टाप डेम मे दो युवक डूबे। एक को सुरक्षित बाहर निकाला गया। पर, दूसरे व्यक्ति की तलाश जारी है। जिसके लिए रेस्क्यू आपरेशन जारी है। वही दूसरी तरफ सिलवानी के साईं खेड़ा पुल के पास अज्ञात व्यक्ति की लाश नदी में तैरती हुई आ रही है। लाश को देख कर बड़ी संख्या में ग्राम ग्रामीण मौके पर पहुंच गए साथ ही 100 मौके पर है। वही लाश को पकड़ने की कोशिश की जा रही है।
बेगमगंज के बुजुर्गों का कहना है कि १९८३ के बाद पहली बार इतनी बारिश हुई है। जो तबाही कर गई, जैसे बादल फट गए थे। कुछ घंटे में ही नगर में नदी की तरह पानी बह रहा था। पानी का बहाव इतना तेज था कि घरों के दरवाजे तोडक़र अंदर भर गया। श्याम नगर और रामनगर में लोगों ने घरों में दीवारों के सहारे बनी सेल्फ पर बैठकर रात काटी। उनके पलंग, बिस्तर सहित ग्रहस्थी का सामान पानी के साथ बह गए। बहाव का अंदाजा इसी से लगता है कि एक जीप लगभग सौ मीटर तक बहकर रुकी। सभी घरों में कमर से ऊपर तक पानी भर गया था। लोगों के घरों में रखे अनाज के बोरे कागज की तरह बह गए। एक घर में रखा मध्यान्ह भोजन का बीस बोरा गेहूं बह गया।
ये क्षेत्र रहे अधिक प्रभावित
नगर के श्याम नगर, रामनगर के अलावा चुरक्का और कसाई मंडी क्षेत्र अधिक प्रभावित हुए हैं। जहां सैकड़ों के की ग्रहस्थी को नुकसान हुआ है।
बीच में फंसी कार
शहर से बाहर सुमेर नदी के पुल पर अचानक सात फीट पानी आ गया। इस बीच एक कार जो पुल के नजदीक पहुंची थी, वहीं रुक गई। कार चालक ने वापस लौटने का प्रयास किया तब तक नदी अपनी हद पार कर मैदानी क्षेत्र में बहने लगी। जिससे कार पुल और पानी के दूसरे सिरे के बहाव के बीच ही फंस गई। हालांकि जहां कार थी, वह क्षेत्र ऊंचा होने के कारण कार में सवार परिवार पूरी तरह सुरक्षित है।
एसडीएम सोते रहे रेस्ट हाउस में
इतना भीषण बारिश और तबाही के बाद भी नवागत एसडीएम संतोष चंदेल रेस्ट हाउस में सुबह आठ बजे तक सोते रहे। उन्हे या तो शहर की स्थिति की जानकारी नहीं दी गई, या वे जानबूझकर अंजान बने रहे। सुबह आठ बजे एसडीएम रेस्ट हाउस से निकलकर शहर में पहुंचे। हालांकि नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि मलखान सिंह जाट और टीआई राजेश कुमार सुबह पांच बजे से ही कर्मचारियों के साथ प्रभावित कॉलोनियों और क्षेत्र में मदद के लिए पहुंच गए थे। नगर के समाजसेवियों ने पूरी सब्जी के पैकेट प्रभावित परिवारों में वितरित किए। यह काम प्रशासन को प्रथतिकता से करना चाहिए था।