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भूखे पेट, घर पैदल चल पड़े मजदूर

locationरायसेनPublished: Mar 29, 2020 12:13:02 am

जिले के विभिन्न मार्गों से पैदल निकल रहे मजदूर, प्रशासन ने कई मजदूरों को बसों से भेजा उनके घर

भूखे पेट, घर पैदल चल पड़े मजदूर

भूखे पेट, घर पैदल चल पड़े मजदूर

रायसेन. रोजी-रोटी के लिए शहरों में रहकर मजदूरी और निजी कंपनियों, फैक्ट्रियों मे नौकरी कर रहे मजदूर, युवा कोरोना वायरस की दहशत के चलते हुए लॉकडाउन से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। लॉकडाउन के छठवें दिन सैकड़ों मजदूर पलायन कर अपने घरों के लिए निकल पड़े हैं। छिंदवाड़ा, सिवनी, सागर, दमोह आदि क्षेत्र के मजदूर भोपाल से पैदल ही अपने घरों के लिए निकले हैं। प्रशासन को इनकी जानकारी मिल रही है, तो उन्हे बसों से उनके घर भेजा जा रहा है, लेकिन कई मजदूरों को प्रशासनिक मदद भी नहीं मिल पा रही है। रास्ते में भोजन की व्यवस्था समाजसेवी कर रहे है। ऐसे ही १२७ मजदूरों को शुक्रवार रात बरेली प्रशासन ने बसों से छिंदवाड़ा, सिवनी और मंडला भेजा। लॉकडाउन के चलते बेरोजगार हुए हजारों लोगों के सामने भुखमरी की स्थिति खड़ी हो गई है। समय रहते शासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। भोपाल में ही ऐसे मजदूरों के लिए भोजन की व्यवस्था तक नहीं की गई, लिहाजा ये भूखे पेट ही घरों के लिए निकल पड़े हैं। कोरोना वायरस का संक्रमण एक नए दर्द के रूप में इन मजदूरों के सामने आया है।
संक्रमण का खतरा
शहरों से गांव जा रहे मजदूरों की जांच भी नहीं की जा रही है, ऐसे में दूरस्थ शहरों, ग्रामों में भी संक्रमण का खतरा बढ़ जाएगा। संभव है कि इन मजदूरों में कोई संक्रमण लेकर चल रहा हो। यदि इनकी उचित जांच नहीं की गई तो इनका परिवार और पूरा खतरे में आ सकता है।
कुछ को भेजा सागर
सागर जिले के टड़ा केसली सहित अन्य नगरों के लगभग ४० लोग रायसेन में कुछ दिनों से रुके हुए थे। ये लोग कप, प्लेट आदि बेचने का काम करते हैं। प्रशासन ने शनिवार को इन लोगों को एक बस से उनके घरों के लिए भेजा। मजदूरों को माध्यम ग्रुप के संयोजक जमना सेन द्वारा भोजन कराया गया। तहसीलदार अजय पटेल, टीआई जगदीश सिंह सिद्धू आदि ने मजदूरों को उनके घर भेजा। शनिवार को लगभग दस युवा रायसेन से सागर की ओर पैदल निकले।
ये युवा भोपाल में मुख्य स्टेशन पर अलग-अलग जगहों पर मजदूरी करते थे। लॉकडाउन के चलते इनकी रोजी छिन गई। पास रखे रुपए खत्म होने के बाद अपने घर के लिए पैदल ही निकल पड़े। सुबह सात बजे भोपाल से चलकर ११ बजे रायसेन पहुंचे। जहां जमना सेन ने इनको भोजन कराया। कुछ देर किसी वाहन का इंतजार करने के बाद ये सभी पैदल ही सागर के लिए निकल पड़े।
मंडीदीप से जबलपुर के लिए चल पड़े पैदल
मंडीदीप से 27 मार्च को दो लोग जबलपुर के लिए रवाना हुए शनिवार को बरेली पहुंचे। युवाओं ने बताया कि 3 दिन से कुछ खाया पिया भी नहीं है। इसी तरह इंदौर से 24 मार्च को पैदल निकले पिंटू कुशवाहा ने बताया कि वह मार्बल ठेकेदार के यहां काम करते थे, ठेकेदार ने उन्हें भगा दिया वाहन नहीं चलने के कारण हम 24 मार्च से ही लगातार पैदल चल रहे हैं। मीडिया कर्मियों ने एसडीएम बृजेंद्र रावत को इन 6 लोगों की सूचना दी, लेकिन एसडीएम ने बताया कि वे देवरी में हैं। लगभग एक घंटे मदद का इंतजार करने के बाद सभी युवक पैदल ही आगे बढ़ गए।
मंडला तथा छिंदवाड़ा भेजा मजदूरों को
बरेली. भोपाल से पैदल चलकर बरेली पहुंचे १२७ मजदूरों को शुक्रवार रात एसडीएम ब्रजेंद्र रावत सहित अन्य अधिकारियों ने छिंदवाड़ा, मंडला और सिवनी के लिए बसों से भेजा। मजदूरों को बरेली में ही भोजन कराया गया। मजदूरों ने बताया कि वे भोपाल में अलग-अलग जगहों पर मजदूरी करते थे, लेकिन लॉकडाउन के चलते उनको काम नहीं मिल रहा है, एक सप्ताह से बेरोजगार होने के कारण भोजन के लाले पड़ गए और कोई साधन नहीं मिलने के कारण पैदल ही घरों के लिए निकले थे।
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