जिले में लगभग 27 हजार किसानों की सम्मान निधि अटक सकती है। इसका कारण किसानों के खाते नंबर आधार से लिंक नहीं होना है। राजस्व विभाग इसके लिए जी तोड़ मेहनत कर रहा है, लेकिन किसान सुनने तैयार नहीं हैं। पटवारी, आरआई आदि किसानों के घर भी जा रहे हैं, लेकिन किसान टाल रहे हैं, इसका खामियाजा उन्हें ही भुगतना पड़ेगा। जब सरकार खातों में सम्मान निधि के 10 हजार रुपए जमा कराएगी तब ऐसे किसानों को राशि नहीं मिल सकेगी।
दरअसल सम्मान निधि का भुगतान आधार आधारित हो गया है। जब तक किसान का खाता आधार से लिंक नहीं होगा, तब तक उन्हें राशि नहीं मिलेगी। अपने खातों को आधार से लिंक कराने किसान को खुद बैंक तक जाना पड़ेगा और किसान इससे कतरा रहे हैं।
इसका कारण बीते एक से डेढ़ माह से किसानी के काम में तेजी होना भी एक कारण है, लेकिन इस महत्वपूर्ण काम के लिए समय निकालना जरूरी है। केवल आधार ही नहीं किसानों को पीएम किसान पोर्टल पर ई-केवायसी भी कराना है। इस मामले में भी जिले के किसान पिछड़ रहे हैं। हालांकि इनकी संख्या कम है। जिले के लगभग 10 हजार किसानों को पीएम किसान पोर्टल पर ई-केवायसी कराना है। इन दोनों की महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं के पूर्ण होने के बाद ही किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि मिल सकेगी।
37 हजार 643 किसानों के आधार लिंक होना बाकी
खातों को आधार से लिंक कराने के मामले में सबसे ज्यादा बेगमगंज तहसील के किसान पिछड़ रहे हैं। जबकि सुल्तानपुर तहसील के किसान आगे हैं। कुछ दिन पहले की स्थिति में जिले के कुल 37 हजार 643 किसानों के आधार लिंक होना बाकी था। इसी तरह ई-केवायसी के मामले में सिलवानी तहसील के किसान पिछड़ रहे हैं। तहसील के लगभग 1800 किसानों को ई-केवायसी कराना है।
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खाते में नहीं जाएगी राशि
पीएम किसान सम्मान निधि प्राप्त करने के लिए किसानों को अपने खातों को आधार से लिंक कराना जरूरी है, साथ ही ई-केवाईसी भी कराना होगा। इनके बिना निधि खातों में जमा नहीं कराई जा सकेगी। किसानों से अपील है कि वे यह प्रक्रियाएं शीघ्र पूर्ण करा लें।
-विजय सराठिया, जिला अधिकारी भू-अभिलेश शाखा