scriptनर्मदा घाट से खुलेआम ट्रैक्टर ट्रॉलियों से किया जा रहा रेत का अवैध परिवहन | Illegal transport of sand openly from Narmada Ghat | Patrika News

नर्मदा घाट से खुलेआम ट्रैक्टर ट्रॉलियों से किया जा रहा रेत का अवैध परिवहन

locationरायसेनPublished: Jul 28, 2020 12:16:08 am

पुलिस और राजस्व विभाग रेत के अवैध कारोबारियों पर इस समय सख्ती के दावे कर रहा है

नर्मदा घाट से खुलेआम ट्रैक्टर ट्रॉलियों से किया जा रहा रेत का अवैध परिवहन

नर्मदा घाट से खुलेआम ट्रैक्टर ट्रॉलियों से किया जा रहा रेत का अवैध परिवहन

थालादिघावन. उदयपुरा तहसील के अंतर्गत देवरी क्षेत्र के नर्मदा तटों पर अवैध खनन को लेकर खनिज विभाग, पुलिस और राजस्व विभाग रेत के अवैध कारोबारियों पर इस समय सख्ती के दावे कर रहा है।
मगर हकीकत इसके उलट है, क्योंकि एनजीटी की रोक के बाद भी नर्मदा खदानों से रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन बंद नहीं हो पा रहा। हालत ये है कि टै्रक्टर-ट्रॉलियों से रेत का परिवहन निरंतर चल रहा है। ऐसे में खनिज विभाग के अधिकारियों के साथ ही राजस्व विभाग और पुलिस विभाग भी सवाल के घेरे में आ रहे। क्योंकि खनन माफि या के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं हो पा रही है। नर्मदा तट शोकलपुर, पतई, रिछावर, नयाखेड़ा घाटों से अवैध खनन होने का सिलसिला लगातार चल रहा है। कार्रवाई के नाम पर मात्र दो-चार डंपरों के विरुद्ध कार्रवाई कर इतिश्री कर दी जाती है। मगर रेत के कारोबार में बड़े और रसूखदारों पर कार्रवाई नहीं होती।
लगे हैं बड़े-बड़े ढेर
नर्मदा नदी से रेत निकाल कर अवैध रूप से रेत का परिवहन कर जगह-जगह रेत का स्टॉक अवैध रूप से कर रखा है। अब तेज बारिश के दौरान रेत महंगे दामों पर बेची जाएगी। जिम्मेदारी अधिकारियों को रात के समय ट्रैक्टर-ट्रॉली चलने की जानकारी तो है, लेकिन कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही यह चर्चा का विषय बना हुआ है।

डंपरों के कारण टूट रही गांव की घटिया गुणवत्ता की सड़कें
ग्रामीणों ने बताया कि गांव के अंदर से रेत से भरे टै्रक्टर-ट्रॉली निकल रहे हैं। ट्रैक्टर-ट्रॉली निकलने से गांव की घटिया निर्माण की सड़कें टूट रही हंै। दूसरी ओर नर्मदा नदी से रेत निकालने के बाद वहां बड़े-बड़े गड्ढे बन गए। जिम्मेदार अधिकारियों को इसकी जानकारी होने के बाद भी कारवाई नहीं की जाती।
बख्शा नहीं जाएगा
– अवैध रूप से रेत का परिवहन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।
-अनित पडंया, खनिज अधिकारी रायसेन।
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