scriptअधूरा रह गया विकलांगों का सहारा | Incomplete construction of the hive | Patrika News

अधूरा रह गया विकलांगों का सहारा

locationरायसेनPublished: Dec 08, 2017 11:53:20 am

Submitted by:

brajesh tiwari

जिम्मेदारों की बड़ी लापरवाही, सरकारी राशि का दुरुपयोग, अब झाड़ रहे पल्ला

Incomplete construction

Raisen The construction of unfinished ramp construction.

रायसेन. कंपोजिट भवन में कलेक्टर सहित अन्य अधिकारियों और विभागों के दूसरे माले पर स्थित दफ्तरों तक विकलांगों को पहुंचने के लिए बनाए जा रहे रेंप का निर्माण मापदंडों के अनरूप नहीं हो रहा है, यह अधिकारियों को रेंप के निर्माण में नौ लाख रुपए खर्च होने और लगभग ५० फीसदी काम हो जाने के बाद पता चला। गलत निर्माण का पता चलते ही निर्माण कार्य रोक दिया गया। इस तरह विकलांगों को मिलने वाली एक बड़ी सुविधा को उनसे दूर हो ही गई, लेकिन इस पूरे मामले में जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही भी खुलकर सामने आ गई है। पीडब्ल्यूडी के साथ रेंप का निर्माण कराने वाले सामाजिक न्याय विभाग की अनदेखी भी उजागर हो रही है।
पत्रिका ने इस पूरे मामले की तह जाने का प्रयास किया तो कई खामियां और लापरवाहियां सामने आईं। मार्च-अप्रेल में रेंप का निर्माण शुरू हुआ था। तब पीडब्ल्यूडी के तत्कालीन ईई बीके कौशिक ने इस निर्माण को शुरू कराया था। लेकिन उनके तबादले के बाद आए नए ईई किशन वर्मा को निर्माण में खामी नजर आईं, तो उन्होंने काम बंद करा दिया। इस बीच सरकार के नौ लाख रुपए खप चुके थेे। निर्माण से जुड़े हर पक्ष की बात जुदा है। एक दिशा या एकरूपता किसी की बात में नहीं आ रहा है। इससे स्पष्ट है कि रेंप का निर्माण एक पहेली ही है।
ये निकला पड़ताल में

१. सिपड़ा के तहत होना था निर्माण
अधिकारियों से चर्चा के दौरान पत्रिका को मिली जानकारी के अनुसार जिले में पांच स्थानो पर केंद्र सरकार की सिपड़ा योजना के तहत विकलांगों की सुविधा के लिए रेंप का निर्माण होना था। २०११-१२ की इस योजना के तहत पहला रेंप रायसेन में बनाने का काम शुरू किया गया था। लेकिन तत्कालीन ईई पीडब्ल्यूडी कौशिक की ने योजना का अध्ययन किए बिना ही निर्माण शुरू करा दिया। जो उसके मापदंडों के अनुरूप नहीं था।
२. नए ईई ने बंद कराया काम
कौशिक के जाने के बाद आए नए ईई किशन वर्मा ने देखा कि रेंप का निर्माण सिपड़ा के मापदंडों के अनुरूप नहीं हो रहा है।जिसका भुगतान मिलने में दिक्कत होगी, इसलिए उन्होंने आगे का काम बंद करा दिया। तब तक नौ लाख रुपए खर्च हो चुके थे।
३. सामाजिक न्याय विभाग का काम
सिपड़ा योजना के तहत पांच रेंप बनवाने की जिम्मेदारी पंचायत एवं सामाजिक न्याय विभाग की है। जिसके तहत यह पहला रेंप बनाया जा रहा था। लेकिन रेंप के निर्माण के दौरान विभाग के अधिकारियों ने मापदंडों के अनुरूप निर्माण होने न होने के संबंध में जांच पड़ताल नहीं की। योजना के तहत बनने वाले रेंप में विकलांगों की सहूलियत के लिए ब्रिल लिपि जैसी तकनीक का उपयोग किया जाना था।
ये कहना है अधिकारियों का
नहीं है मापदंडों के अनुरूप

सामाजिक न्याय विभाग के निर्देश पर कलेक्ट्रेट में बनाया जा रहा रेंप मापदंडों के अनुरूप नहीं था, इसलिए निर्माण रोक दिया गया। अब तक इस पर नौ लाख रुपए खर्च हो चुके हैं। जो अब हमे शासन को लौटना पडेंग़े। निर्माण का आगे क्या होगा यह अभी कहना मुश्किल है।
किशन वर्मा, ईई पीडब्ल्यूडी
हमने यहां के लिए नहीं कहा था
सिपड़ा योजना के तहत पांच जगहों पर रेंप बनना था। जिसमें कलेक्ट्रेट भवन शामिल नहीं था। एसपी कार्यालय, कोर्ट, डीपीआई, जिला पंचायत सहित एक अन्य जगह रेंप बनना था। कलेक्ट्रेट में रेंप किसने बनवाया, पता नहीं। मैं इस बारे में और कुछ नहीं कह सकता।
पंकज जैन, प्रभारी पंचायत एवं सामाजिक न्याय विभाग

रेंप के निर्माण की राशि को लेकर कोई मामला है। सभी चीजें क्लीयर नहीं है। जैसे ही सभी मामले हल हो जाते हैं रेंप का निर्माण शुरू कर पूर्ण कराया जाएगा।
भावना वालिम्बे, कलेक्टर

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