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किसानों को दी फसलों में कीट व्याधि रोकने की जानकारी

locationरायसेनPublished: Sep 29, 2021 12:04:07 am

जलवायु सहिष्णु कृषि तकनीक पर परिचर्चा

जलवायु सहिष्णु कृषि तकनीक पर परिचर्चा

किसानों को दी फसलों में कीट व्याधि रोकने की जानकारी

रायसेन. मंगलवार को कृषि विज्ञान केन्द्र में जलवायु सहिष्णु कृषि तकनीक एवं पद्धति विषय पर कृषक वैज्ञानिक परिचर्चा का आयोजन किया गया। इसमें रायपुर में आयोजित जलवायु सहिष्णु कृषि तकनीक एवं पद्धति कार्यक्रम का सीधा प्रसारण दिखाया गया। कार्यक्रम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया। इसके बाद कृषक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें किसानों को वैज्ञानिक प्रदीप कुमार द्विवेदी ने धान की फसल में लगने वाले प्रमुख कीट भूरा फुदका, तना छेदक, पत्ती लपेटक व ब्लास्ट, बीएलबी व शीथ ब्लाईट रोग के नियंत्रण के लिए तकनीकी जानकारी दी।

कृषि वैज्ञानिक डॉ. स्वप्निल दुबे ने कहा कि बायो फोर्टिफाइड किस्में पूसा तेजस, पोषण, पूसा उजाला, पूसा अहिल्या, सीआर धान-310, 315 में आयरन व जिंक की मात्रा अधिक होती है, उनके उत्पादन व उपयोग करने की सलाह दी। जलवायु परिवर्तन के कारण एक डिग्री तापमान बढऩे से धान की फसल में 5.8 प्रतिशत व दो डिग्री तापमान बढऩे से 10.16 प्रतिशत तक उत्पादन बढ़ता है। इसी तरह गेहूं में 0.5 डिग्री तापमान बढऩे से 10 प्रतिशत तक उत्पादन की कमी देखी जा रही है। तापमान बढऩे से कीट व रोगों का प्रकोप अधिक होता है। फसलों का कुपोषण दूर करने के लिए लघु धान्य फसलें कोदो, कुटकी, संावा, कंगनी, रागी के उत्पादन की जानकारी दी। वैज्ञानिक रंजीत सिंह राघव ने रबी फसलों की बोवनी के लिए संतुलित मात्रा में उर्वरकों के उपयोग के अंतर्गत डीएपी के साथ एनपीके, एसएसपी व पोटाश उर्वरकों के उपयोग की सलाह दी। इस मौके पर सहायक संचालक कृषि दुष्यन्त कुमार धाकड़ जीएस रैकवार आदि मौजूद थे।

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