scriptमनरेगा के कार्यों में अधिकारियों की मिलीभगत से हो रही अनियमितताएं | Irregularities due to collusion of officials in MNREGA works | Patrika News

मनरेगा के कार्यों में अधिकारियों की मिलीभगत से हो रही अनियमितताएं

locationरायसेनPublished: Jun 23, 2020 12:02:28 am

मनरेगा में आधे से अधिक काम नियम विरूद्ध सहित दलालों के माध्यम से हो रहे हैं

मनरेगा के कार्यों में अधिकारियों की मिलीभगत से हो रही अनियमितताएं

मनरेगा के कार्यों में अधिकारियों की मिलीभगत से हो रही अनियमितताएं

सिलवानी. सिलवानी जनपद पंचायत में मनरेगा के कार्यों में मनमर्जी की इबारत लिखने का काम वर्षों से जारी है। जनपद में सीईओ अपने अधीनस्थों पर लगाम लगाने में असफ ल नजर आ रहे हैं। दरअसल मनरेगा में आधे से अधिक काम नियम विरूद्ध सहित दलालों के माध्यम से हो रहे हैं। इसमें जिला प्रशासन का भी कोई प्रभाव देखने को नहीं मिल रहा। क्योंकि अधिकारियों को शिकायत करने के बाद भी न तो कभी जांच कराई जाती और न ही कार्रवाई की जाती है।
यहां स्वीकृत हुए निर्माण कार्य
प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत कुंडाली, चंदन पिपरिया, तुलसीपार, बम्होरी, मनकवाड़ा, देवरी मढिय़ा आदि पंचायतों में मनरेगा के तहत खेत तालाब निर्माण का कार्य स्वीकृत हुए हैं, जिसका मस्टर रोल मनरेगा शाखा से जारी हुआ और मनरेगा के नियमों को ठेंगा दिखाते हुए उपयंत्री, रोजगार सहायक, सचिव की मिलीभगत से मजदूरों की बजाय जेसीबी मशीन द्वारा खुदवाया जा रहा है, जो कि नियम विरुद्ध है।
जबकि शासन द्वारा ग्रामीण मजदूरों को रोजगार दिलाने के लिए ग्रामों में रोजगार गारंटी के तहत सड़क निर्माण, तालाब निर्माण, कुंआ निर्माण का काम ग्राम पंचायतों द्वारा कराया जाता है। मगर पंचायत प्रतिनिधियों एवं जिम्मेदारों द्वारा मनमानी कर मजदूरों का हक छीना जा रहा हैं।
नियमों का उल्लंघन
मनरेगा मजदूर आधारित योजना है, इसमें मिट्टी के कार्यों को प्राथमिकता देते हुए किसी भी प्रकार की मशीनरी का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। मगर ग्राम पंचायतों में सबको धोखे में रखकर बेखौफ तरीके से जेसीबी मशीन का उपयोग कर तालाबों और कुंओं का निर्माण कराया जा रहा है, जो महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम 2005 का खुले तौर पर उल्लंघन हैं। कार्य स्थल पर योजना का बोर्ड भी नहीं लगाया गया है, जिससे लोगों को योजना के बारे में कोई जानकारी ही नहीं मिल सके।
नहीं उठाया फोन
इस संबंध की जानकारी लेने जब मनरेगा एसडीओ सुशील गोयल से फोन पर बात करना चाहा, तो उन्होंने फोन उठाना भी मुनासिब नहीं समझा।
-चंदन पिपरिया सरपंच ने बताया कि तालाब उसका है। बाकी आप जो पंचायतें बता रहे हैं इनको मैं दिखवा लेता हूं।
-अशोक उईके, सीईओ जनपद पंचायत सिलवानी।
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