जिम्मेदार विभाग अलर्ट हो गए
नए मरीजों के मिलने से दोनों जिम्मेदार विभाग अलर्ट हो गए हैं। सर्वे टीमें गठित कर गंदे पानी के गड्ढों में कीटनाशक दवाएं डलवा कर गंबूशिया मछलियां भी डाली गई हैं, ताकि मलेरिया तथा डेंगू मच्छर का लार्वा पनपने नहीं दिया जाए।
चिकनगुनिया के मरीज मिले
जिले के औबेदुल्लागंज में एक, मंडीदीप के वार्ड 7 और राहुल नगर वार्ड 15 में डेंगू के तीन मरीज, मलेरिया के 145 नए मरीज मिले हैं। इसी तरह सांची में दो डेंगू मरीज, बरेली में दो चिकनगुनिया के मरीज, बरेली व उदयपुरा में दो जापानी बुखार के मरीज मिल चुके हैं। इससे जिला मलेरिया, स्वास्थ्य महकमे के अधिकारियों की नींद उड़ गई है। इसके पहले भी इन बीमारियों के 14 मरीज मिल चुके हैं। इनका इलाज भी कराया जा चुका है।
2847 सर्वे टीम रख रखीं निगाहें
जिला मलेरिया विभाग के अधिकारियों के निर्देश पर 2847 आशा, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की मलेरिया लार्वा टीमें गठित की जा चुकी हैं। मलेरिया महकमे से मिली जानकारी के मुताबिक इस सर्वे टीम द्वारा अभी तक 1 लाख 73 हजार घरों का निरीक्षण किया गया।
217 घरों में मलेरिया लार्वा मिला
इस दौरान 217 घरों में मलेरिया लार्वा मिल चुका है। इस लार्वा को नष्ट कराने के लिए कीमोफॉश नामक कीटनाशक दवा का छिड़काव कराया जा चुका है। जिले में सर्वे टीम ने अभी तक 7 लाख 55 हजार 245 बर्तनों में लार्वा सर्वे किया जिसमें 232 बर्तनों में लार्वा मिला है।
मलेरिया का खतरा बढ़ रहा
जानकारी लगने पर स्वास्थ्य और जिला मलेरिया विभाग की टीम भी गांव गांव पहुंचने लगी है। जहां बड़ी मात्रा में लार्वा मिला। बुखार से पीडि़त लोगों की जांच के बाद विभाग ने मलेरिया और डेंगू न होने का दावा किया है। लेकिन मरीजों के प्लेटलेट्स लगातार कम हो रहे हैं। ऐसे में मरीजों को डेंगू, मलेरिया का खतरा बढ़ रहा है।
प्लेटलेट्स घटने की ये भी होती हैं वजह
सीएमएचओ डॉ. एके शर्मा ने बताया कि प्लेटलेट्स सिर्फ डेंगू की वजह से नहीं घटते हैं। उन्होंने बताया कि वायरल फ ीवर, ब्लड कैंसर सहित अन्य वजह से भी प्लेटलेट्स घट जाते हैं। एक मृत बालक की रिपोर्ट देखी, उसमें मौत की वजह किडनी से संबंधित समस्या आई है।
वॉयरल बुखार बता तो रहा
डॉ. शर्मा का कहना है कि गांव में जो गंदगी है उसकी वजह से वायरल फीवर फैला है। जिसका कैंप लगाकर इलाज के लिए बीएमओ को निर्देशित किया गया है। भोपाल एम्स में भर्ती युवक की रिपोर्ट मंगाई तो सिर्फ डेंगू को छोड़कर सभी रिपोर्ट भेज दी गई है जो नार्मल हैं। ऐसे में ग्रामीण जिस बुखार से पीडि़त हैं उसको स्वास्थ्य विभाग वॉयरल बुखार बता तो रहा है, लेकिन वॉयरल के अलावा और कुछ नहीं है। इसको लेकर अभी स्पष्ट रुख नहीं है।
जापानी बुखार के लक्षण
सिरदर्द के साथ हल्का बुखार आ जाना।
गर्दन में अकड़न, शरीर में ऐंठन।
सांस लेने में तकलीफ होना।
हमेशा आलस्य चढ़ा रहना।
बात करने में असमर्थ होना।
शरीर में कंपन होते रहना।
मांसपेशियों में कमजोरी।
इन बातों को न करें नजरअंदाज
मच्छर के काटने से बचें।
कीट निवारक दवा का इस्तेमाल करें।
मच्छर काटने से बचने के लिए ढके हुए कपड़े पहने।
शाम के समय सबसे ज्यादा मच्छरों का प्रकोप होता है। इस समय बाहर जाने से बचें।
घरों के आस पास पानी न जमा होने पाए खासकर बारिश के मौसम में बच्चों को बेहतर खान-पान रखें।
जिले में डेंगू के तीन, जापानी बुखार के दो, चिकनगुनिया के दो नए मरीज मिले हैं। इसके पहले भी 1& मरीज इन बीमारियों के मिल चुके हैं। मलेरिया लार्वा टीमें निगाहें रखे हुए हैं।
डॉ. प्रियंवदा गुप्ता, जिला मलेरिया अधिकारी।