scriptसुबह भाई का देहांत हुआ फिर भी सेवा पर डटी रही किरण | Kiran stuck on service even though brother died in the morning | Patrika News

सुबह भाई का देहांत हुआ फिर भी सेवा पर डटी रही किरण

locationरायसेनPublished: Mar 27, 2020 12:11:25 am

लोगों की सेवा करने का संकल्प लेकर इस फील्ड में आई हूं, यह याद कर अपनी ड्यूटी पर आ गई

सुबह भाई का देहांत हुआ फिर भी सेवा पर डटी रही किरण

सुबह भाई का देहांत हुआ फिर भी सेवा पर डटी रही किरण

रायसेन. सुबह घर से फोन आया, मां की आवाज सुनकर कुछ अच्छा नहीं लगा। मुझे शक हुआ तो भाई से बात की। उसने बताया कि बड़े पापा के बेटे का निधन हो गया है। यह सुनकर मेरे पैरों तले जमीन खिसक गई, खूब रोई। लोगों की सेवा करने का संकल्प लेकर इस फील्ड में आई हूं, यह याद कर अपनी ड्यूटी पर आ गई। सामान्य स्थिति होती तो घर जाती, लेकिन अभी देश पर आया संकट परिवार पर आए संकट से अधिक बड़ा है, इसलिए भाई के निधन का दर्द भूलकर ड्यूटी पर गई। यह कहानी है जिला अस्पताल के आपातकालीन ओपीडी में ड्यूटी कर रही नर्स लिलोरे की। जो बैतूल निवासी है। गुरुवार को सुबह उसके चचेरे भाई का निधन हुआ और वो संकट की घड़ी में देश की सेवा में लगी रही। आपातकालीन ओपीडी में ड्यूटी कर रही नर्सों में सबकी अलग कहानी है। बैतूल जिले के ही ग्राम बोरदई निवासी नर्स रानी सूर्यवंशी ने बताया कि घर से माता-पिता और भाई, बहन के फोन आते हैं। उन्हे मेरी बहुत चिंता हो रही है।
कोरोना वायरस के इस संकट के दौर में उन्हे मेरे संक्रमित होने का डर लगा रहता है। जहां तहां से ऐसी खबरें सुनने को मिल रही हैं, जिससे उनकी चिंता और बढ़ जाती है। रानी ने बताया कि देश पर संकट है, इसलिए परिवार बाद में पहले देश की सेवा करना है। हमने जो शपथ ली है, उसे हर हाल में निभाना है।
ये है व्यवस्था
जिला अस्पताल के इमरजेंसी रूम को वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए कोरोना या फ्लोर की ओपीडी के रूप में उपयोग किया जा रहा है। इसमें कार्यरत समस्त कर्मचारी एवं डॉक्टर, स्टाफ नर्स पूरी तरह से पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्यिुपमेंट पहनकर कार्य करते हैं। कार्य का भार वर्तमान परिस्थितियों में बहुत ज्यादा बढ़ गया है। क्योंकि आज आम जनता को किसी को भी सर्दी खांसी भी होती है तो उसे कोरोना की जांच करवाने का ख्याल आता है।
इस यूनिट में कार्य करने वाला व्यक्ति अपने घर भी नहीं जा पाता। जब घर जाने का समय मिल जाए तो उसे डर लगा रहता है कि मेरे परिवार को कोई इंफेक्शन मेरे द्वारा ना पहुंच जाए। जब वो अस्पताल में ही रुकता है तो परिवार, बच्चों की चिंता सताती है। इन सभी विकट समस्याओं के बावजूद मेडीकल और पैरामेडीकल स्टॉफ का हर एक व्यक्ति अपनी पूरी निष्ठा से मेहनत के साथ बहादुरी पूर्वक कार्य कर रहा है। जिला अस्पताल के सारे डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ , सफाईकर्मी, सुरक्षाकर्मी सभी जिला अस्पताल के आसपास ही निवास कर रहे हैं। किसी भी आपातकालीन परिस्थिति से निपटने के लिए हमेशा तैयार हैं। न्यूनतम संसाधन उपलब्ध होने के बावजूद एक भी व्यक्ति ने अपने कर्तव्य से कदम पीछे नहीं हटाया है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो