श्रीमद् जिन तारण स्वामी द्वारा विरचित मामल पाहुड़ ग्रंथ की संगीतमयी वाचना के तहत 12 दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। पं. बसंत महाराज ने बताया कि ‘ज्ञान अपार होता है, ज्ञान का कभी भी अंत नहीं होता है। ज्ञान प्राणी के सुख का साधन है। समुद्र का पानी समाप्त हो सकता है, लेकिन ज्ञान समाप्त नहीं हो सकता है। श्रीतारण स्वामी ने अज्ञानता को समाप्त कर ज्ञान को प्राप्त करने की प्रेरणा दी है। उन्होंने बताया कि ज्ञान से धर्म कार्य, सत्संग आदि शुभ कार्य करने के साथ ही सुख को प्राप्त करने का साधन है।
अज्ञानता के चलते जीवन में शाश्वत सुख की प्राप्ति नहीं हो पाती है। उन्होंने कहा कि किताबी ज्ञान व शास्त्रीय ज्ञान को ज्ञान नहीं कहा जा सकता है। ज्ञान का अर्थ है, ज्ञायक को जानना। ज्ञान बाहर से नहीं अंदर से आता है। ज्ञान स्वभाव अविनाशी सुख को प्राप्त कराता है।
उन्होंने बताया कि व्यक्ति मोह, माया, धन, दौलत, विलासिता आदि को सुख का साधन मान रहा है। लेकिन यह सब यहीं छूट जाना है। कुछ भी साथ जाने वाला नहीं है। खाली हाथ आया है और खाली हाथ ही वापस जाना है।
पंचांग पूजन के साथ श्री विष्णु महायज्ञ प्रारंभ
बरेली. ग्राम धोखेड़ा में शुक्रवार को पंचाग पूजन के साथ पंचशील गार्डन धोखेड़ा में नव दिवसीय श्री विष्णु महायज्ञ प्रारंभ हुआ। यज्ञ आहुतियां शुरू होते ही पूरे ग्राम में धर्ममय वातावरण बना गया है।
गौरतलब है कि महामण्डेश्वर कन्हैयादास त्यागी द्वारा मेघडंम्बर महाताप चतुर्मास में खुले आकाश के नीचे बैठकर तप कर रहे हैं। चतुर्मास पूर्ण होने के उपलक्ष्य में ग्राम वासियों द्वारा श्री विष्णु महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है।
यज्ञ कार्यक्रम के अनुसार गुरुवार को भव्य शोभायात्रा निकाली गई थी। शनिवार से प्रतिदिन सुबह-शाम हवन, यज्ञ और सुबह 11 बजे से 3 बजे तक हरिचरन दास महाराज द्वारा श्रीमद भागवत कथा होगी। 23 नवंबर को शुक्रवार को पूर्णाहुति के साथ भंडारा का आयोजन किया जाएगा।