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वेतन विसंगति की मांग को लेकर लिपिकों की अनिश्चित कालीन हड़ताल जारी

locationरायसेनPublished: Jul 30, 2018 10:17:51 am

वेतन विसंगति की मांग को लेकर लिपिकों की अनिश्चित कालीन हड़ताल जारी

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रायसेन@शिवलाल यादव की रिपोर्ट…
वेतन विसंगति सहित अन्य विभिन्न तेइस सूत्रीय मांगों को लेकर मप्र लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ जिला इकाई रायसेन के बैनर तले पशु चिकित्सालय के समीप कामधेनु शॉपिंग कॉम्पलेक्स परिसर में रविवार को सातवें रोज भी जारी रही अनिश्चित कालीन हड़ताल। अहनश्चतकालीन हड़ताल में अभी तक एक हजार से ज्यादा लिपिकों ने समर्थन देकर शामिल हो चुके हैं। रविवार को जिला परिवहन विभाग, कृषि विभाग और शिक्षा विभाग आदि विभागों के बाबुओं नेसमर्थन देते हुए बेमियादी हड़ताल में शामिल हुए। इन हड़ताली लिपिकों ने धरने पर बैठकर जोरदार नारेबाजी भी की। हड़ताल में कलेक्ट्रेट कार्यालय के लिपिकों को छोड़कर बाकी सभी सरकारी दफ्तरों के बाबुओं ने ही दिन धरना हड़ताल में शामिल होने का फैसला लिया है।

धरने पर बैठे कर्मचारियों ने सरकार से यह ऐलान किया है कि अब हम आन्दोलन को उग्र कर सरकार से आरपार की लड़ाई लडेंगे। तभी मप्र की शिव सरकार की कुंभकर्णी नींद खुलेगी। धरने में मप्र लिपिकवर्गीय कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष राकेश चतुर्वेदी, जीएस पवार, सचिन शाक्या, कैलाश रघुवंशी, राजकुमार कोहली, एबी शुक्ला, नरेंद्र साहू जल संसाधन विभाग, सहकारिता एवं उप पंजीयन विभाग के नरेंद्र साहू, ब्रजेश श्रीवास्तव, जहीर खान, लक्ष्मण सिंह मालवीय, नवीन विश्वकर्मा कोषालय विभाग, मनीष द्विवेदी, अशोक सोनी, गीता धुर्वे, फाइव मोहम्मद, भूपेंद्र सिंह भदौरिया, अखिलेश दोहरे कृषि विभाग शामिल हुए।

इसके अलावा धरने में जिला शिक्षा विभाग, रेशम विभाग, खेलकूद विभाग, उद्यानिकी विभाग, जिला आदिम जाति कल्याण विभाग, जिला महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग, जिला परिवहन विभाग, जिला शिक्षा केंद्र उप पंजीयक सहकारिता विभाग, जिला कोषालय विभाग के कर्मचारियों ने लिपिकों की इस हड़ताल को समर्थन दिया है। मप्र लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों द्वारा जिला परिवहन विभाग, लोक निर्माण विभाग, स्वास्थ्य विभाग सहित सरकारी कॉलेजों के बाबुओं से संपर्क कर हड़ताल में शामिल होने का समर्थन मांगा।

ताले डालकर लिपिक गए हड़ताल पर
जिला शिक्षा विभाग के सभी लिपिक दफ्तर के कमरों के ताले डालकर हड़ताल में शामिल हो गए हैं। जिला शिक्षा विभाग के लिपिकों की इस बेमियादी हड़ताल पर जाने से सरकारी कामकाज शासन की शिक्षा संबंधी योजनाओं का क्रियान्वयन पूरी तरह से प्रभावित हो रहा है। कमोवेश यही हालात जिला शिक्षा केंद्र रायसेन, जिला कोषालय, कृषि विभाग, उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवाएं, जलसंसाधन विभाग सहित अन्य सरकारी दफ्तरों के बने हुए हैं। दफ्तरों में लिपिकों की टेबिलों पर दिनभर सन्नाटा सा पसरा रहता है। दफ्तरों में ताले लटके मिले। अधिकांश कार्यालयों में बाबुओं की कुर्सियां खाली पड़ी रहीं। जरूरी कामकाज से आने वाले लोगोंं को कार्यालय से बैरंग लौटने के लिए मजबूर होना पड़ा।

मप्र लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ जिला इकाई रायसेन के अध्यक्ष राकेश चतुर्वेदी, सचिव मनीष द्विवेदी, सचिन शाक्या का कहना है कि मप्र लिपिक कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष रमेशचंद्र शर्मा की अध्यक्षता में लिपिकों की मांगों और वेतन विसंगति के संबंध में गठित समिति की अनुशंसाओं को मप्र शासन द्वारा स्वीकृत कर लागू नहीं किए जाने के कारण मप्र लिपिक कर्मचारी अब मप्र सरकार से आरपार की लड़ाई के मूड में है। जब तक सरकार लिपिकों की इन जायज मांगों को नहीं मानती तब तक यह आन्दोलन धरना जारी रहेगा।

मप्र सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों को कोसा
धरने को संबोधित करते हुए शिक्षक जीएस पवार, कैलाश रघुवंशी, खुर्शीद अहमद सिद्दीकि ने मप्र सरकार को कर्मचारी विरोधी नीतियों को कोसते हुए कहा कि शासन लिपिकों की मांगों को पूरा करने को लेकर अडिय़ल रवैया अपनाए हुए हैं। अगर इस बार भी हमारी जायज मांगें नहीं मानी तो हम काम पर बिल्कुल काम पर लौटने वाले नहीं हैं। धरने में शामिल हुए जहीर खान, लक्ष्मण मालवीय ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि लिपिक वर्गीय कर्मचारी एकजुट होकर आन्दोलन में शामिल हों। अपनी मांग को मनवाने के लिए संकल्पिवत भी रहें। अगर सरकार ने हमारी जायज को जल्द पूरा नहीं किया तो आन्दोलन को उग्र किया जाएगा।

हड़ताल से 10 हजार कर्मचारियों को रूकेगा वेतन
जिला कोषालय विभाग के सभी लिपिकों का बेमियादी हड़ताल में शामिल होनेे से कर्मचारियों के इस महीने वेतन के लाले पड़ सकते हैं। बाबु जहीर खान, लक्ष्मण सिंह मालवीय ने बताया कि लिपिकों की कलम बंद हड़ताल की वजह से 40 विभागों की सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हो रही हैं। 10 हजार से ज्यादा कर्मचारियों के इस महीने वेतन मिलने में देरी खड़ी हो सकती है। सर्वाधिक इस हड़ताल का असर जिला शिक्षाकेंद्र, जिला शिक्षा विभाग के कामकाज पर पड़ा है। यहां का दफ्तर सूने पड़े हैं। क्योंकि विभाग के सभी बाबुओं द्वारा अपने कक्षों में तालाबंदी कर हड़ताल पर चले गए हैं।

शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य, राजस्व विभाग, कृषि विभाग और उद्योग विभाग की महत्वपूर्ण फाइलें अलमारियों में कैद हैं। विभागीय अधिकारी चाहकर भी योजना संबंधी फाइलों का इन हड़ताली लिपिकों से बाहर नहीं निकल वा पा रहे हैं। इसमें वाहन फिटनेस, ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन बीमा सहित जाति आय प्रमाण पत्रों मूलनिवासी, नामांतरण और टीसी, बंटवारा आदि काम ठप हो चुके हैं।

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