सहकारी बैंकों के कर्मचारियोंं की ये हैं प्रमुख मांगें ….
हड़ताली बैंक कर्मचारियों की मांग यह हैं कि राज्य शासन छठवें और सातवें वेतनमान का फायदा जिला सहकारी बैंक कर्मचारियों को भी उपलब्ध कराया जाए।अगर उनकी मांगें नहीं मानी जाती हैं तो वे अनिश्चित कालीन हड़ताल पर बने रहेंगे। हड़तालियों के मुताबिक वर्ष २००८ में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने जिला सहकारी बैंक कर्मचारियों की बैठक बुलाकर यह आश्वासन दिया था कि उन्हें भी शासन के अन्य कर्मचारियों की तरह ही छठवें वेतनमान के आधर पर सुविधाएं मिलेंगी। लेकिन अब तक ऐसा नहीं हो पाया है। बैंक कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें शासन की योजना के काम में रखा जा रहा है।जिसके कारण बैंक के कामकाज प्रभावित हो रहे हैं।
साथ ही सहकारी बैंकें निरंतर घाटे में जा रही हैं।जबकि सहकारी बैंक का गठन किसानों की भलाई को ध्यान में रखकर किया गया है।
बैंक में अपने ही रूपए निकालने जमा करने में परेशानी हो रही है।वहीं शासन ने हड़ताल के कारण समाधान योजना के तहत किसानों की ऋण राशि जमा करने की आखिरी तारीख में संशोधन कर १५ जून से ३१ जुलाई तक कर दिया है। ताकि किसान योजना का लाभ ले सकें।दरअसल इस कृषक समृद्धि योजना के तहत किसान को लोन की मूल राशि का केवल ५० फीसदी रूपया जमा करना है।जिसकेबाद उसका ब्याज का रूपया माफ कर दिया जाएगा।
कृषक समृद्धि योजना एक नजर में …..
को-आपरेटिव बैंक के जिला सीईओ आरपी हजारी ने बताया कि सवा १०० करोड़ की राशि किसानों से कृषक समृद्धि योजना की वसूलना है।अब तक जिले के ३८ हजार किसानों में २२ हजार किसानों ने अपने सहमति पत्रक जमा कर दिए हैं। इन २२ हजार किसानों से ९ करोड़ रूपए वसूली जा चुकी है।
शासन ने अधिक से अधिक किसानों को योजना का लाभ दिलाने के लिए ऋण की राशि जमा करने करने की तारीख आगे बढ़ाई है।वहीं राज्य शासन के निर्देश हैं कि योजना की घोषणा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा १२ फरवरी २०१८ को की गई है। इसके बाद बैंक को आदेश १२ अप्रैल को मिले हैं। इस बीच जिन किसानों ने ब्याज सहित अपना रूपया बैंक खातों में जमा किया है। उसे अन्नदाताओं के सेविंग खातों में ट्रांसफर किया जाएगा।बैंक खातों में गेहूं समर्थन मूल्स पर बेचने पर २६५ रूपए प्रति क्ंिवटल के हिसाब से बोनस बतौर प्रोत्साहन राशि जमा की जा रही है।
लेकिन प्रांतव्यापी आव्हान पर बैंक कर्मियों की चल रही अनिश्चित कालीन हड़ताल के कारण २६५ रूपए प्रति क्ंिवटल की दर से बोनस प्रोत्साहन राशि नहींमिल पा रही है। इस कारण किसान दिनभर सहारी बैंक महामाया चौक परसिर में भटकने के बाद निराया होकर अपने घर बैरंग लौट जाते हैं।जिले के सहकारी बैंक के मैनेजरों के अनुसार जिन पर बड़ा कर्ज है वह किसान अब बैंक नहीं आ रहे हैं। अब बैंकों में वहींकिसान आ रहे हैं जिन्हें छोटा मोटा कर्ज और रकम चुकाना है।बैंक प्रबंधकों का कहना है कि किेसानों को समझाने की कोशिश लगातार की जा रही हैं।लेकि न वह मानने को तैयार ही नहीं हैं।
सहकारी बैंक कर्मचारियों की ये हैं प्रमुख मांगें ….
सहकारी बैंक कर्मचारी यूनियन के प्रांत व्यापी आव्हान के तहत विभिन्न मांगों को लेकर सहकारी बैंक कर्मी बेमियादी हड़ताल पर चल रहे हैं। हड़ताल बैंक कर्मचारियों की मांग यह है कि राज्स शासन द्वारा छठवें और सातवें वेतमान का लाभ जिला सहकारी बैंक के कर्मचारियों को भी उपलब्ध कराया जाए। अगर उनकी जायज मांगें नहीं पूरी की गईं तो वे अनिश्चित कालीन हड़ताल पर बने रहेंगे।
हड़ताली बैंक कर्मचारियों के अनुसार वर्ष २००८ में सीएम शिवराज सिंह चौहान द्वारा जिला सहकारी बैंक कर्मचारियों का भोपाल में महा पंचायत सम्मेलन बुलाकर यह आश्वासन दिया था कि शासन के अन्य कर्मचारियों को शासन के अन्य कर्मचारियों के समान सुविधाएं मिलेंगी। लेकिन अब तक ऐसा बिल्कुल नहीं हो पाया। बैंक कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें शासन की योजनाों के संचालित करने के काम में लगा रखा है। इस कारण बैंक कामकाज प्रभावित हो रहे हैं। इसीलिए बैंक भी लगातार घाटे में जा रही है। जबकि सहकारी बैंकों का गठन किसानों के हितों का पूरा ख्याल में रखकर किया गया था। शासन ने अधिक से अधिक किसानों को फायदा दिलाने की मंशा से संख्या बढ़ाने ऋण की राशि जमा करने की आखिरी तारीख बढ़ाई है।
किसानों की रूचि घटी तो आखिरी तारीख १५ जून से बढ़ाकर की ३१ जुलाई
बैंक में किसानों की घटती रूचि के कारण प्रदेश सरकार ने इस कृषि समृद्धि योजना अंतिम तारीख १५ जून से बढ़ाकर ३१ जुलाई तय कर दिया है।कृषि ऋण समाधान योजना के तहत किसान मूलधन का आधा पैसा जमा करने पर वह ब्याज माफी के लिए पात्र हो जाएगा।इसके बाद जैसे ही किसान शेष आधी रकम जमा करेगा तो कर्ज पर पूरा ब्याज माफ हो जाएगा।जीरो प्रतिशत पर अन्नदाताओं को अगला कर्ज भी मिल जाएगा।
तहसील रायसेन के ग्राम तेंदूखोह के किसान भगवान सिंह ने बताया कि उन्हें ६० किंवट्ल गेहूं के बेचने पर २६५ बोनस प्रति किवटंल की दर से खाते में जमा होना है। लेकिन बैंक कर्मचारियों की हड़ताल से उन्हें परेशानी हो रही है। बनगवां के किसान हरि प्रसाद गौर ने बताया कि उन्होंने समर्थन मूल्य पर गेहूं विक्रय करने पर खाते में १ लाख ३६ हजार २४२ रूपए बोनस मिलना है।नांद के किसान रूप सिंह मीणा ने बताया कि ४० हजार रूपए बोनस के लिए वह चार पांच दिनों से भटक रहे हैं।