भू-अभिलेख अधीक्षक कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार रायसेन शहर मेें अब तक लगभग नौ इंच बारिश दर्ज हो चुकी है। इसके बाद भी पौधों में कोई सकारात्मक असर नहीं देखा गया। वहीं जानकार कहते हैं कि ये पौधे इसीलिए बर्बाद हो गए, क्योंकि ये बारिश के मौसम में नहीं लगाए गए। अब लापरवाही देखिए कि नपा के जिम्मेदारों ने मापदंडों की अनदेखी कर लाखों रुपए के पौधे खरीदकर भीषण गर्मी में लगवा दिए, लेकिन नियमित रूप से सिंचाई और मेंटनेंस नहीं किया, न ही मॉनिटरिंग की। इसीलिए अधिकतर पौधों सूख चुके हैं और उनका रंग लाल हो गया है।
गल्र्स कॉलेज परिसर, दशहरा मैदान, कृषि फार्म जाने वाले रास्ते पर और स्टेडियम के नजदीक लगे अधिकतर पेड़ खराब स्थिति में पहुंचे चुके हैं। जबकि बारिश होने पर इस परिसर में हरियाली छा गई। मगर पॉम-ट्री हरे नहीं हुए।
सूत्रों के मुताबिक पौधे लगाने वाले ठेकेदार को इसका छह माह तक मेंटनेंस भी करना है। पौधे लगाने में नगर पालिका ने लाखों रुपए खर्च कर दिए। बताया जा रहा है कि लगभग तीन हजार रुपए का एक पेड़ लगा है। नपा ने नौ लाख 90 हजार रुपए का टेंडर जारी किया था।
मापदंडों की अनदेखी
पौधे लगाने के लिए नपा ने जारी किए टेंडर में पौधे के पैकिट का वजन ५० किलो ग्राम रखने की शर्त रखी थी। पौधा लगाने के लिए तीन वाय तीन फीट की लंबाई, चौड़ाई और ऊंचाई का गड्ढा खोदा जाना था।
गड्ढे में खाद और मिट्टी की भराई कर छह माह तक मेंटनेंस किया जाना है। मगर ठेेकेदार ने ज्यादातर शर्तों का पालन नहीं किया। इस कारण पॉम ट्री सूख गए। ऐसे में नपा अधिकारी और जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से लाखों रुपए बर्बाद हो गए। क्योंकि ठेकेदार ने नियमित रूप से पेड़ों की सिंचाई नहीं की और अब तीन हजार रुपए कीमत वाले पेड़ों की हालत खराब हो चुकी है।
बिना वर्क ऑर्डर के लगाए पौधे
नपा सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस काम के लिए करीब नौ लाख रुपए का प्रोजेक्ट बनाया गया था। नपा ने टेंडर बुलाकर इस काम को करा लिया। जबकि इस कार्य का वर्क ऑर्डर बाद में जारी किया गया है। ये काम भी नगर पालिका के एक चहेते ठेकेदार से ही कराया गया है।
गौरतलब है कि उक्त ठेकेदार द्वारा नगर में किए निर्माण कार्य पहले भी चर्चा में रह चुके हैं। पौधे लगाए हुए करीब साढ़े तीन माह बीत चुके हैं, जबकि टेंडर अप्रैल माह में जारी किया गया था।
पौधों का मेंटनेंस करने की जिम्मेदारी ठेकेदार की है। अनुबंध शर्तों के अनुसार छह माह तक इसकी देखभाल करना है। यदि पौधे खराब होते हैं, तो ठेकेदार से दोबारा लगवाए जाएंगे।
– जमना सेन, नपाध्यक्ष रायसेन।