गैरतगंज वन अमले ने तेंदुआ को कमरे में ही बंद कर भोपाल से रेस्क्यू टीम को बुलाया था, जो रात 12 बजे गैरतगंज पहुंची। 12 सदस्यीय टीम ने तेंदुआ को पकडऩे तरह-तरह के प्रयास किए। चार घंटे की मेहनत के बाद सुबह लगभग चार बजे तेंदुआ पर जाल फेंकने में कामयाब हुए।
जाल फंसे तेंदुआ को कमरे से बाहर निकालकर पिंजरे में बंद कर जंगल ले गए, जहां छोड़ दिया। पिंजरे से निकलते ही तेंदुआ छलांग भरते हुए घने जंगल में समा गया।
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जब तक वो पकड़ा नहीं गया, बच्चे भी नहीं सोए
रविवार शाम साढ़े सात बजे से सुबह चार बजे तक तेंदुआ के पकड़े जाने तक पूरा गांव दहशत में रहा। लोग छोटेलाल के घर के आस-पास जमा रहे। घरों में बच्चे तक नहीं सोए थे। सभी को डर था कि कहीं तेंदुआ छोटेलाल के घर से निकलकर उनके घर में न घुस जाए। हाथों में डंडे लिए लोग रात भर जागते रहे और रेस्क्यू टीम की मदद भी करते रहे। रेंजर रजनीश शुक्ला ने बताया कि तेंदुआ को पकड़कर जंगल में छोड़ दिया है। उन्होंने ग्रामीणों से सावधानी बरतने के लिए कहा है।