विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य डॉक्टर यज्ञेश्वर शास्त्री ने कहा कि आज के डिजिटल युग में भी पुस्तकों की अहमियत है, क्योंकि पुस्तकों को स्पर्श तथा मेहसूस किया जा सकता है। सांची विश्वविद्यालय की सेंट्रल लाइब्रेरी की वेबसाइट का निर्माण लाइब्रेरियन डॉक्टर अमित ताम्रकार ने किया है। इस मौके पर सांची विवि की सेंट्रल लाइब्रेरी के वेबपेज का कुलपति शास्त्री ने क्लिक कर लोकार्पण किया। इस वेबसाइट पर देश दुनिया के डिजिटल कंटेंट को लाइब्रेरी वेबसाइट्स को, जर्नल्स तथा ओपन सोर्स कंटेंट को समाहित किया गया है।
कार्यक्रम में पीएचडी छात्रा पुष्पलता ने कहा कि जैसे कंप्यूटर का मस्तिष्क सीपीयू होता है वैसे ही पुस्तकालय भी विवि का मस्तिष्क होता है। पीएचडी के शोधार्थी धनंजय ने पुस्तकालय की तुलना शरीर में स्थित हृदय से की। आयोजित प्रतियोगिता में एमफिल, पीएचडी एवं एमए के 17 छात्रों ने अपने विचार साझा किए। छात्रों ने विश्व के विभिन्न पुस्तकालयों, लाइब्रेरी के बारे में बताया।
लाइब्रेरियों और उनकी उपयोगिताओं के बारे में बताया
उन्होंने अमेरिका की लाइब्रेरी ऑफ कांग्रेस के साथ-साथ नालंदा, तक्षशिला और विक्रमशिला विश्वविद्यालयों की लाइब्रेरियों और उनकी उपयोगिताओं के बारे में बताया। छात्रों के मंच पर साझा किये गए इन विचारों को विश्वविद्यालय द्वारा वक्तव्य कला प्रतियोगिता के रूप में आयोजित कर दिया गया, जिसमें पीएचडी योग की छात्रा नेहा सैनी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। जबकि द्वितीय स्थान मिला पीएचडी इंग्लिश की छात्रा मुस्कान सोलंकी को तथा तृतीय स्थान एमफिल के छात्र प्रशांत खरे ने हासिल किया।
सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता में 60 छात्रों ने हिस्सा लिया, जिसके विजेता एमएससी योगा के छात्र रवि यादव रहे। द्वितीय स्थान पाया अनीश कुमार पीएचडी हिंदी तथा तृतीय स्थान मिला प्रशांत खरे को।