इस पुराने मामले में सजा सुनाए जाने से पहले जिला अदालत में कड़ी सुरक्षा वयवस्था की गई थी। अदालत के अंदर, न्यायाधीश कक्ष सहित परिसर में पुलिस बल तैनात किया गया था। अदालत परिसर में बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। जिनमें आरोपियों के परिजन, मित्र, रिश्तेदार आदि औबेदुल्लागंज, भोपाल आदि जगहों से आए थे, जिससे पूरे समय अदालत में गहमा गहमी बनी रही। लंच से पहले न्यायाधीश ने 14 आरोपियों को सजा सुनाई, निर्णय जानने के लिए बाहर लोग उत्सुक दिखाई दिए। सभी 14 आरोपियों को सजा सुनाए जाने के बाद उनके परिजनों में निराशा थी। घटना की रात 11 बजे आरोपियों ने हथियारों से लेस होकर रूपेश सिंह पर हमला किया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी। धारा 148, 302/149, 326/149 के तहत अलग-अलग सजा सुनाई गई। इसी प्रकरण में दूसरे पक्ष के छह लोगों को भी गुरुवार को निर्णय सुनाया गया, जिसमें उन सभी को बरी कर दिया गया।
इस तरह चला मामला
प्रकरण की विवेचना तत्कालीन निरी. एआर नेगी एवं उनि. आरबीएस कुशवाह द्वारा की गई। अनुसंधान के दौरान पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर प्रकरण में एक सितंबर 2010 को न्यायालय में चालान पेश किया था, जो अब तक न्यायालय रायसेन में विचाराधीन था, जिसमें अपर सत्र न्यायधीश शरद भामकर द्वारा आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया गया।
इन आरोपियों को सुनाई सजा
आरोपियों में नवाब हसन पुत्र अजीज हसन उम्र 64 साल, सलमान हसन पुत्र मसूद हसन उम्र 19 साल, फरहान हसन पुत्र अफजाल हसन उम्र 34 साल, फैजल हसन पुत्र अफजाल हसन उम्र 30 साल, नवेद हसन पुत्र नबाव हसन उम्र 33 साल, दिलशाद हसन पुत्र इकबाल हसन उम्र 38 साल, रेहान हसन पुत्र अफजल हसन उम्र 35 साल, गुफरान हसन पुत्र इसरार हसन उम्र 28 साल, अफजाल हसन पुत्र अजीज हसन उम्र 68 साल, फैजान हसन पुत्र हफजाल हसन उम्र 42 साल, साजिल हसन पुत्र रईस हसन उम्र 30 साल, नौशाद हसन पुत्र इकबाल हसन उम्र 25 साल, शादाब हसन पुत्र इकबाल हसन उम्र 23 साल तथा शाहवर हसन पुत्र मसूद हसन उम्र 21 साल शामिल हंै, जिनको आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।