एसडीएम की रिश्वतखोर गैंग
भोपाल निवासी तनवीर पटेल की जमीन का डायवर्सन करने के एवज में गैरतगंज एसडीएम मनीष जैन, उनके सहयोगी रामनारायण अहिरवार और रीडर दीपक श्रीवास्तव ने पहले एक लाख फिर 50 हजार की रिश्वत की डिमांड की थी। जिसमें से फरियादी तनवीर पटेल पहले ही 5 हजार रुपए रिश्वत दे चुका था और फिर उसने लोकायुक्त पुलिस से मामले की शिकायत की। लोकायुक्त टीम ने जाल बिछाया और रिश्वत लेते हुए एसडीएम मनीष जैन व उनकी गैंग को रंगेहाथों गिरफ्तार कर लिया। बताया जा रहा है कि रिश्वत की रकम में से 30 हजार रुपए एसडीएम मनीष जैन, 10 हजार रुपए ओएसडी रामनारायण अहिरवार और 5 हजार रुपए रीडर दीपक श्रीवास्तव के थे ।
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रिश्वत लेते रंगेहाथों गिरफ्तार
लोकायुक्त डीएसपी संजय शुक्ला ने बताया कि तनवीर पटेल की जमीन का डायवर्सन करने के लिए एसडीएम मनीष जैन द्वारा पहले एक लाख रुपए की मांग की गई थी। बातचीत में मामला 50 हजार रुपए पर तय हुआ। तनवीर ने पांच हजार रुपए पहले दे दिए थे। इसके बाद लोकायुक्त में शिकायत की। लोकायुक्त पुलिस ने पूरी योजना बनाकर बुधवार को तनवीर को एक लिफाफे में 40 हजार तथा एक लिफाफे में पांच हजार रुपए रखकर दिए। तय समय पर तनवीर गैरतगंज एसडीएम कार्यालय पहुंचा और एसडीएम के सहयोगी रामनारायण को लिफाफे दिए। रामनारायण ने उसमें से दस हजार रुपए निकाले और 30 हजार रुपए का लिफाफा एसडीएम मनीषण जैन को दिया। एसडीएम ने रुपए अपने पिट्ठू बैग में रख लिए, तभी लोकायुक्त की टीम ने उन्हें पकड़ लिया। साथ ही रामनारायण और रीडर दीपक को भी पकड़ लिया। डीएसपी संजय ने बताया कि धुलाने पर एसडीएम और रामनारायण के हाथ सहित पिट्ठू बैग भी रंगीन हो गया। तीनों को गिरफ्तार कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
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‘मैं तो बीमार हो गया था पता नहीं क्या हुआ’
रिश्वत लेते पकड़े जाने के बाद एसडीएम मनीष जैन ने बड़ी मासूमी दिखाते हुए इस मामले से अपने को अंजान बताने का प्रयास किया। जिला अस्पताल में मीडिया से एसडीएम ने कहा कि मैं तो बीमार हो गया था, मुझे नहीं मालूम क्या हुआ है। ये लोग मुझे यहां ले आए।
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