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एक-दूसरे के गढ़ पर निगाहें

locationरायसेनPublished: Sep 07, 2018 12:00:01 am

चुनावी समर के द्वार पर खड़ी भाजपा के मंत्री, नेता कार्यक्रमों शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं।

BJP minister standing at the door of election time, leaders are performing public programs. At the same time, Congress leaders are preparing new grounds through reconciliation.

Raisen The BJP minister standing at the door of election time, leaders are performing public programs. At the same time, Congress leaders are preparing new grounds through reconciliation.
Both parties are celebrating every small festival with political colors. The BJP is counting development work. Congress is giving incomplete promises. Meanwhile, ‘Magazine’ reviewed five-five polling booths in the district, where BJP and Congress got bumpers votes in the 2013 election. During this time, talkin

रायसेन. चुनावी समर के द्वार पर खड़ी भाजपा के मंत्री, नेता सार्वजनिक कार्यक्रमों शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, कांग्रेस नेता मेल-मिलाप के जरिए नए सिरे से जमीन तैयार कर रहे हैं। दोनों ही दल हर छोटे-बड़े उत्सव को राजनीतिक रंग देकर मना रहे हैं। भाजपाई विकास कार्य गिना रहे हैं। कांग्रेस अधूरे वादों को तूल दे रही है।
इस बीच ‘पत्रिकाÓ ने जिले के ऐसे पांच-पांच मतदान केंद्रों का जायजा लिया, जहां २०१३ के चुनाव में भाजपा और कांग्रेस को बंपर वोट मिले थे। इस दौरान व्यापारियों, महिलाओं, युवाओं और नौकरीपेशा से बातचीत कर हकीकत जानी। उनके प्रतिनिधि कितने खरे उतरे और कितने वादों को पूरा किया। यह तस्वीर खींचने की कोशिश की कि २०१८ में इन बूथों पर क्या स्थिति रहेगी।
भाजपा के सर्वाधिक मतदान वाले बूथ

बूथ क्र. ७६५, भोजपुर
विधानसभा
२०१३ में सर्वाधिक ७६५ वोट मिले थे। इस बार भाजपा का प्रयास हर मतदाता तक पहुंचने का है। भाजपा नेता किशोर रामानी का दावा है कि सरकार की योजनाओं और विधायक के कार्यों का लाभ मिलेगा। यहां कांग्रेस के सुरेश पचौरी लगातार सक्रिय हैं।
मुद्दे – गंदगी और खराब सड़कें।
बूथ क्र. १८३, गुंदरई,
सांची विधानसभा
ठ्ठ २०१३ में भाजपा प्रत्याशी डा. गौरीशंकर शेजवार को 6७7 वोट मिले थे। विधायक खुद और उनके पुत्र क्षेत्र में सक्रिय हैं। भाजपा के कार्यकर्ता भी लगातार सक्रिय रहकर माहौल बनाने में जुटे हुए हैं।
मुद्दे – ग्रामीण सड़कें और बरोजगारी।
बूथ क्र. ५३ अकोला,
उदयपुरा विधानसभा सीट
साल २०१३ में भारतीय जनता पार्टी के रामकिसन पटेल को यहां सर्वाधिक ८१६ वोट मिले थे। विधायक अपने क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं। जबकि कांग्रेस के नेता भी पूरा जोर लगा रहे हैं।
मुद्दे- अतिक्रमण, बेराजगारी।
बूथ क्र. १३४, बीलखेड़ा,
सिलवानी विधानसभा
साल २०१३ में विधायक रामपाल सिंह राजपूत को यहां सर्वाधिक ७१५ वोट मिले थे। विधायक रामपाल सिंह राजपूत इस क्षेत्र में हमेशा से लगातार सक्रिय हैं। विशेषकर सड़कों के मामले में अच्छा काम किया है।
मुद्दे- रोजगार, स्वास्थ्य सेवाएं।
& मैंने अपनी विधानसभा में विकास को प्रमुखता देकर हर क्षेत्र में कार्य कराए हैं। पूरी सक्रियता से जनप्रतिनिधि होने की जिम्मेदारी निभाई है। लोगों को मुढ पर भरोसा है।
सुरेंद्र पटवा, विधायक भोजपुर

कांग्रेस के सर्वाधिक मतदान वाले बूथ

बूथ क्र. 1२7, खसरोद,
भोजपुर विधानसभा सीट
ठ्ठ २०१३ में ८९९ वोट मिले थे। यह कांग्रेस के प्रत्याशी रहे सुरेश पचौरी के ग्रह ग्राम से लगा केंद्र है। कांग्रेस यहां इस बार भी मजबूत है। सुरेश पचौरी ग्राम स्तर तक सक्रिय हैं। मतदाताओं के लगातार संपर्क में हैं। और कार्यकर्ता पूरा जोर लगा रहे हैं।
मुद्दे – खराब सड़कें, बेरोजगारी।
बूथ क्र. २८, सुनारी,

सांची विधानसभा सीट
२०१३ में कांग्रेस के प्रभुराम चौधरी को यहां 66६ वोट मिले थे। वे एक बार फिर क्षेत्र में तेजी से सक्रिय हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में मतदाताओं से सतत संपर्क बनाए हुए हैं।
मुद्दे – ग्रामीण सड़कें, बेरोजगारी।
बूथ क्र. ६८,
उदयपुरा विधानसभा सीट
ठ्ठ २०१३ में यहां कांग्रेस प्रत्याशी को सर्वाधिक ५७१ वोट मिले थे। कांग्रेस के भगवान सिंह राजपूत फिर क्षेत्र में सक्रिय हैं। संपर्क और समस्याओं को उठा रहे हैं। भाजपा की पकड़ भी बरकरार है।

मुद्दे- अतिक्रमण, बेराजगारी।
बूथ क्र. ५३, सिलवानी
विधानसभा सीट
ठ्ठ २०१३ में कांग्रेस प्रत्याशी देवेंद्र पटेल को यहां सर्वाधिक ६८४ वोट मिले थे। पटेल सहित कांग्रेस कार्यकर्ता क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं और सरकार की नाकामियां गिनाकर कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाने का प्रयास कर रहे हैं।
मुद्दे- रोजगार, स्वास्थ्य सेवाएं।

& मैं अपने क्षेत्र में लगातार यहां के मतदाताओं के संपर्क में हूं। प्रदेश सरकार की असफलताओं और हर मुद्दे पर नाकामियों से लोगों में नाराजगी है। मगर इस बार परिवर्तन होगा, जो लोग देखेंगे।
प्रभुराम चौधरी, पूर्व विधायक
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