विधानसभा
२०१३ में सर्वाधिक ७६५ वोट मिले थे। इस बार भाजपा का प्रयास हर मतदाता तक पहुंचने का है। भाजपा नेता किशोर रामानी का दावा है कि सरकार की योजनाओं और विधायक के कार्यों का लाभ मिलेगा। यहां कांग्रेस के सुरेश पचौरी लगातार सक्रिय हैं।
मुद्दे – गंदगी और खराब सड़कें।
बूथ क्र. १८३, गुंदरई,
ठ्ठ २०१३ में भाजपा प्रत्याशी डा. गौरीशंकर शेजवार को 6७7 वोट मिले थे। विधायक खुद और उनके पुत्र क्षेत्र में सक्रिय हैं। भाजपा के कार्यकर्ता भी लगातार सक्रिय रहकर माहौल बनाने में जुटे हुए हैं।
मुद्दे – ग्रामीण सड़कें और बरोजगारी।
बूथ क्र. ५३ अकोला,
उदयपुरा विधानसभा सीट
साल २०१३ में भारतीय जनता पार्टी के रामकिसन पटेल को यहां सर्वाधिक ८१६ वोट मिले थे। विधायक अपने क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं। जबकि कांग्रेस के नेता भी पूरा जोर लगा रहे हैं।
बूथ क्र. १३४, बीलखेड़ा,
सिलवानी विधानसभा
साल २०१३ में विधायक रामपाल सिंह राजपूत को यहां सर्वाधिक ७१५ वोट मिले थे। विधायक रामपाल सिंह राजपूत इस क्षेत्र में हमेशा से लगातार सक्रिय हैं। विशेषकर सड़कों के मामले में अच्छा काम किया है।
मुद्दे- रोजगार, स्वास्थ्य सेवाएं।
& मैंने अपनी विधानसभा में विकास को प्रमुखता देकर हर क्षेत्र में कार्य कराए हैं। पूरी सक्रियता से जनप्रतिनिधि होने की जिम्मेदारी निभाई है। लोगों को मुढ पर भरोसा है।
भोजपुर विधानसभा सीट
ठ्ठ २०१३ में ८९९ वोट मिले थे। यह कांग्रेस के प्रत्याशी रहे सुरेश पचौरी के ग्रह ग्राम से लगा केंद्र है। कांग्रेस यहां इस बार भी मजबूत है। सुरेश पचौरी ग्राम स्तर तक सक्रिय हैं। मतदाताओं के लगातार संपर्क में हैं। और कार्यकर्ता पूरा जोर लगा रहे हैं।
मुद्दे – खराब सड़कें, बेरोजगारी।
बूथ क्र. २८, सुनारी,
२०१३ में कांग्रेस के प्रभुराम चौधरी को यहां 66६ वोट मिले थे। वे एक बार फिर क्षेत्र में तेजी से सक्रिय हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में मतदाताओं से सतत संपर्क बनाए हुए हैं।
मुद्दे – ग्रामीण सड़कें, बेरोजगारी।
बूथ क्र. ६८,
उदयपुरा विधानसभा सीट
ठ्ठ २०१३ में यहां कांग्रेस प्रत्याशी को सर्वाधिक ५७१ वोट मिले थे। कांग्रेस के भगवान सिंह राजपूत फिर क्षेत्र में सक्रिय हैं। संपर्क और समस्याओं को उठा रहे हैं। भाजपा की पकड़ भी बरकरार है।
बूथ क्र. ५३, सिलवानी
विधानसभा सीट
ठ्ठ २०१३ में कांग्रेस प्रत्याशी देवेंद्र पटेल को यहां सर्वाधिक ६८४ वोट मिले थे। पटेल सहित कांग्रेस कार्यकर्ता क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं और सरकार की नाकामियां गिनाकर कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाने का प्रयास कर रहे हैं।
मुद्दे- रोजगार, स्वास्थ्य सेवाएं।
प्रभुराम चौधरी, पूर्व विधायक