scriptनर्मदा नदी के प्रत्येक कंकर में हैं भगवान शंकर: संदीप कृष्ण | Lord Shankar is in every Kankar of Narmada river: Sandeep Krishna | Patrika News

नर्मदा नदी के प्रत्येक कंकर में हैं भगवान शंकर: संदीप कृष्ण

locationरायसेनPublished: Oct 09, 2020 12:05:46 am

कंकर को स्पर्श करने मात्र से ही भगवान शंकर के समक्ष खड़े होने की अनुभूति होने लगती है

नर्मदा नदी के प्रत्येक कंकर में हैं भगवान शंकर: संदीप कृष्ण

नर्मदा नदी के प्रत्येक कंकर में हैं भगवान शंकर: संदीप कृष्ण

साईंखेड़ा. अविरल धारा के साथ कलकल करती हुई बहती पवित्र पावनी नर्मदा नदी के प्रत्येक कंकर में भगवान शंकर का वास है। कंकर को स्पर्श करने मात्र से ही भगवान शंकर के समक्ष खड़े होने की अनुभूति होने लगती है। इसलिए प्रत्येक श्रद्धालु को नर्मदा नदी में स्नान करने के साथ ही उसकी पूजा-अर्चना भी भक्ति-भाव के साथ करना चाहिए, जिससे मन में समरसता के भाव बने रहे। यह उद्गार पंडित संदीप कृष्ण शास्त्री ने व्यक्त किए। वे तहसील के मनकवाड़ा गांव में आयोजित नर्मदा पुराण कथा के चतुर्थ दिवस श्रद्धालुओं को नर्मदा नदी का महत्व बता रहे थे। कथा श्रवण करने बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहंच रहे है।
मां नर्मदा के दर्शन से ही हो जाता कल्याण
उन्होंने बताया कि सहज ही मुक्ति का मार्ग मनुष्य को मां नर्मदा की भक्ति से प्राप्त हो जाता है। नर्मदा में पहुंचते ही व्यक्ति के मन में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार अपने आप हो जाता है। नर्मदा का जल परम पवित्र है। इसमें अनेक बीमारियों को दूर करने की शक्ति है। नर्मदा के जल से जितनी व्याधि हैं, वह अपने आप दूर हो जाती हैं। हमारे जीवन में जितने भी कष्ट, परेशानियां हैं, वह मां नर्मदा के दर्शन करने से ही दूर हो जाती हैं।
दिव्य तीर्थ स्थल है मां नर्मदा के तट
कथा को विस्तार देते हुए पंडित शास्त्री ने कहा कि नर्मदा के किनारों पर जितने भी घाट हैं। वह सब दिव्य तीर्थ के रूप में प्रतिष्ठित हैं। उन सभी तीर्थों में जाने से हमें मोक्ष का रास्ता अपने आप प्राप्त हो जाता है। नर्मदा के किनारे विभिन्न ऋषि मुनियों ने तपस्या की है। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर ईश्वर का साक्षात्कार उन्हें इन किनारों पर प्राप्त हुआ है। आज भी सूक्ष्म रूप से अनेक ऋषि मुनि सिद्ध, नर्मदा किनारे तपस्या कर रहे हैं, जब हम नर्मदा जी के क्षेत्र में जाते हैं, तो हमें उन ऋषि-मुनियों सिद्धों की कृपा उनका आशीर्वाद अपने आप प्राप्त हो जाता है।

नर्मदा किनारे किए पाप का फल भोगना पड़ेगा
पंडित संदीप कृष्ण ने बताया कि नर्मदा के किनारे जाकर व्यक्ति को पुण्य का कार्य करना चाहिए, पाप से दूर रहे। यदि नर्मदा के किनारे पाप किया है तो वह जीवन में कभी मिटेगा नहीं, उस पाप कर्म का फ ल मनुष्य को अनिवार्य रूप से भोगना पड़ेगा। इसीलिए हमें चाहिए कि हम नर्मदा किनारे पुण्य कर्म करें, पाप को कभी मन में ना लाएं।
नर्मदा तट पर मिलता अनंत फल
साथ ही भगवान का भजन, चिंतन, कीर्तन, जप-तप, दान, पुण्य जो भी नर्मदा में किया जाता है। उसका अनंत गुना फ ल हमें प्राप्त होता है। नर्मदा किनारे कथा श्रवण का विशेष महत्व है, जो व्यक्ति नर्मदा किनारे कथा सुनता है, उसके जीवन में परमात्मा की कृपा सहज ही प्राप्त हो जाती है।
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