मां नर्मदा के दर्शन से ही हो जाता कल्याण
उन्होंने बताया कि सहज ही मुक्ति का मार्ग मनुष्य को मां नर्मदा की भक्ति से प्राप्त हो जाता है। नर्मदा में पहुंचते ही व्यक्ति के मन में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार अपने आप हो जाता है। नर्मदा का जल परम पवित्र है। इसमें अनेक बीमारियों को दूर करने की शक्ति है। नर्मदा के जल से जितनी व्याधि हैं, वह अपने आप दूर हो जाती हैं। हमारे जीवन में जितने भी कष्ट, परेशानियां हैं, वह मां नर्मदा के दर्शन करने से ही दूर हो जाती हैं।
उन्होंने बताया कि सहज ही मुक्ति का मार्ग मनुष्य को मां नर्मदा की भक्ति से प्राप्त हो जाता है। नर्मदा में पहुंचते ही व्यक्ति के मन में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार अपने आप हो जाता है। नर्मदा का जल परम पवित्र है। इसमें अनेक बीमारियों को दूर करने की शक्ति है। नर्मदा के जल से जितनी व्याधि हैं, वह अपने आप दूर हो जाती हैं। हमारे जीवन में जितने भी कष्ट, परेशानियां हैं, वह मां नर्मदा के दर्शन करने से ही दूर हो जाती हैं।
दिव्य तीर्थ स्थल है मां नर्मदा के तट
कथा को विस्तार देते हुए पंडित शास्त्री ने कहा कि नर्मदा के किनारों पर जितने भी घाट हैं। वह सब दिव्य तीर्थ के रूप में प्रतिष्ठित हैं। उन सभी तीर्थों में जाने से हमें मोक्ष का रास्ता अपने आप प्राप्त हो जाता है। नर्मदा के किनारे विभिन्न ऋषि मुनियों ने तपस्या की है। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर ईश्वर का साक्षात्कार उन्हें इन किनारों पर प्राप्त हुआ है। आज भी सूक्ष्म रूप से अनेक ऋषि मुनि सिद्ध, नर्मदा किनारे तपस्या कर रहे हैं, जब हम नर्मदा जी के क्षेत्र में जाते हैं, तो हमें उन ऋषि-मुनियों सिद्धों की कृपा उनका आशीर्वाद अपने आप प्राप्त हो जाता है।
कथा को विस्तार देते हुए पंडित शास्त्री ने कहा कि नर्मदा के किनारों पर जितने भी घाट हैं। वह सब दिव्य तीर्थ के रूप में प्रतिष्ठित हैं। उन सभी तीर्थों में जाने से हमें मोक्ष का रास्ता अपने आप प्राप्त हो जाता है। नर्मदा के किनारे विभिन्न ऋषि मुनियों ने तपस्या की है। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर ईश्वर का साक्षात्कार उन्हें इन किनारों पर प्राप्त हुआ है। आज भी सूक्ष्म रूप से अनेक ऋषि मुनि सिद्ध, नर्मदा किनारे तपस्या कर रहे हैं, जब हम नर्मदा जी के क्षेत्र में जाते हैं, तो हमें उन ऋषि-मुनियों सिद्धों की कृपा उनका आशीर्वाद अपने आप प्राप्त हो जाता है।
नर्मदा किनारे किए पाप का फल भोगना पड़ेगा
पंडित संदीप कृष्ण ने बताया कि नर्मदा के किनारे जाकर व्यक्ति को पुण्य का कार्य करना चाहिए, पाप से दूर रहे। यदि नर्मदा के किनारे पाप किया है तो वह जीवन में कभी मिटेगा नहीं, उस पाप कर्म का फ ल मनुष्य को अनिवार्य रूप से भोगना पड़ेगा। इसीलिए हमें चाहिए कि हम नर्मदा किनारे पुण्य कर्म करें, पाप को कभी मन में ना लाएं।
नर्मदा तट पर मिलता अनंत फल
साथ ही भगवान का भजन, चिंतन, कीर्तन, जप-तप, दान, पुण्य जो भी नर्मदा में किया जाता है। उसका अनंत गुना फ ल हमें प्राप्त होता है। नर्मदा किनारे कथा श्रवण का विशेष महत्व है, जो व्यक्ति नर्मदा किनारे कथा सुनता है, उसके जीवन में परमात्मा की कृपा सहज ही प्राप्त हो जाती है।
पंडित संदीप कृष्ण ने बताया कि नर्मदा के किनारे जाकर व्यक्ति को पुण्य का कार्य करना चाहिए, पाप से दूर रहे। यदि नर्मदा के किनारे पाप किया है तो वह जीवन में कभी मिटेगा नहीं, उस पाप कर्म का फ ल मनुष्य को अनिवार्य रूप से भोगना पड़ेगा। इसीलिए हमें चाहिए कि हम नर्मदा किनारे पुण्य कर्म करें, पाप को कभी मन में ना लाएं।
नर्मदा तट पर मिलता अनंत फल
साथ ही भगवान का भजन, चिंतन, कीर्तन, जप-तप, दान, पुण्य जो भी नर्मदा में किया जाता है। उसका अनंत गुना फ ल हमें प्राप्त होता है। नर्मदा किनारे कथा श्रवण का विशेष महत्व है, जो व्यक्ति नर्मदा किनारे कथा सुनता है, उसके जीवन में परमात्मा की कृपा सहज ही प्राप्त हो जाती है।