scriptचांदी की पालकी में सवार होकर निकले भगवान श्रीजी | Lord Shreeji, who got riding on a silver sedan | Patrika News

चांदी की पालकी में सवार होकर निकले भगवान श्रीजी

locationरायसेनPublished: Sep 25, 2018 11:48:22 pm

शहर में पर्वराज पयुर्षण पर्व के समापन अवसर पर मंगलवार को सुबह सकल जैन समाज के धर्मावलंबियों द्वारा जैन मंदिर से बाजेगाजों के बीच भव्य शोभायात्रा निकाली गई।

Celebration

Lord Shriji for excursion

रायसेन. शहर में पर्वराज पयुर्षण पर्व के समापन अवसर पर मंगलवार को सुबह सकल जैन समाज के धर्मावलंबियों द्वारा जैन मंदिर से बाजेगाजों के बीच भव्य शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा में चांदी के विमान में भगवान श्रीजी सवार होकर नगर भ्रमण के लिए निकले। जैन समाज के सेवक उन्हें पालकी में चंवर झुलाते हुए चल रहे थे। यह शोभायात्रा पुराना बस स्टैंड के नजदीक बने १००८ पाश्र्वनाथ श्री दिगंबर जैन मंदिर से प्रारंभ हुई। इसके बाद तिपट्टा बाजार, सांची रोड माता मंदिर चौराहे से होते हुए श्रीराम लीला मैदान से रामलीला गेट, सागर भोपाल तिराहा से महामाया चौक से वापस दिगंबर जैन मंदिर पहुंचकर समापन हुआ।
शोभायात्रा का जगह-जगह जैन समाज के लोगों ने आरती पूजन की। शोभायात्रा में रेडिमेड कपड़ा व्यवसायी मनोज जैन, आरसी जैन, सुधीर जैन, श्रीचंद जैन, डॉ.वीरेंद्र कुमार जैन, सुनील जैन, वीरेंद्र जैन, विशाल पवैया, वीरेंद्र कुमार पर्वया, अनिल जैन, सुभाष चंद जैन, आरसी जैन, बुद्धसेन जैन, नरेंद्र जैन, अंकुर जैन, अमीन नरेंद्र जैन, शिक्षक विनोद जैन, प्रमोद जैन, शिखर चंद जैन, मुकेश जैन, नीलेश जैन, विवेक जैन परिवार सहित शामिल हुए।
यहां भगवान श्रीजी का किया विशेष अभिषेक

दिगंबर जैन समाज के लोग पर्यूषण पर 11 दिन से 10 लक्षण धर्म का विधान रचाकर पूजा, अभिषेक एवं उपवास आदि के माध्यम से जिन भक्ति में लगे हुए थे। अंतिम दिन समाज ने दिगंबर जैन मंदिर से श्रीजी की शोभायात्रा धूमधाम से निकाली। शहर में विभिन्न जगहों पर समाज के व्यक्तियों और सामाजिक संगठनों द्वारा भगवान श्री जी की आरती कर पूजा अर्चना की गई। इस शोभायात्रा में समाज के युवक-युवतियों समेत महिलाओं द्वारा जिन भजन व नृत्य करते हुए चल रहे थे। इस शोभा यात्रा में समाज के परम्परा अनुसार पुरुष सफेद वस्त्र केसरिया टोपी में वहीं महिलाएं पीले वस्त्र में थी।
दिगंबर जैन मंदिर में श्री जी की पूजा अर्चना के साथ अभिषेक किया गया। इससे पहले सुबह नित्य नियम पूजा अर्चना एवं अभिषेक किया गया। वासुपूज्य भगवान का मोक्ष कल्याणक दिवस होने पर पूजा अर्चना कर निर्माण लाडू चढ़ाए गए। वहीं इंद्रो की बोलियां लगाई गईं। विश्व शंति के लिए शांतिधारा पाठ का आयोजन हुआ। रात में महिलओं द्वारा भजन कीर्तन और प्रवचन किए गए।
आकाश, पाताल से मांगी क्षमा
समापन अवसर पर जैन धर्मावलंबियों ने क्षमावाणी पर एक दूसरे से भूलवश गलतियों की क्षमायाचना मांगी। साथ ही धरती, आसमान, पश् पक्षियों से भी क्षमायाचना मांगी। यह सिलसिला काफी देर तक चलता रहा। इस आयोजन में दिगंबर जैन समाज के लोग परिवार सहित शामिल हुए।
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