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वनवास के दौरान श्रीराम ने मध्यप्रदेश के इस जिले में बिताया था चातुर्मास

locationरायसेनPublished: Aug 03, 2020 12:54:04 am

Submitted by:

Shailendra Sharma

14 साल के वनवास के दौरान भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण ने रायसेन जिले में चातुर्मास बिताया था और एक बड़ी छतरीनुमा चट्टान में रहे थे..

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रायसेन. भगवान श्रीराम ने वनवास का एक चातुर्मास मध्यप्रदेश के रायसेन जिले में भी बिताया था और इसके प्रमाण आज भी वहां पर मौजूद हैं जहां पर श्रीराम, सीता और लक्ष्मण रहे थे। कहा जाता है कि वनवास के दौरान भगवान राम विदिशा के बेतवा तट पहुंचे थे और वहां से बेतवा नदी को पार करने का प्रयास किया इसी प्रयास में वो चलते चलते रायसेन जिले के पग्नेश्वर बेतवा तट पहुंचे और फिर यहीं से पग-पग (पैदल) बेतवा नदी को पार किया। तभी से बेतवा नदी के इस तट को पग्नेश्वर तट कहा जाता है।

 

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रामछज्जा और सीतातलाई हैं प्रमाण
बेतवा नदी को पार करने के बाद भगवान राम आगे बढ़ रहे थे लेकिन बारिश शुरु हो गई और इसी कारण भगवान राम, सीता और लक्ष्मण ने एक छतरीनुमा विशाल चट्टान में शरण ली और वहीं पर चातुर्मास काटा। इस विशाल छतरीनुमा चट्टान को इसके बाद से ही रामछज्जा के नाम से जाना जाता है।

 

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रामछज्जा पहाड़ी से करीब 500 मीटर की दूरी पर एक और और पहाड़ी है जहां एक छोटा तालाब है जो सीतातलाई के नाम से जाना जाता है। बताया जाता है कि जब श्रीराम चातुर्मास के दौरान यहां पर रुके थे तो सीता माता इसी तालाब में स्नान करने के लिए आती थीं और इसलिए इसका नाम सीतातलाई पड़ गया। शहर के पुरातत्वविद राजीव लोचन चौबे का कहना है कि चातुर्मास के दौरान भगवान राम जिस तालाब में स्नान के लिए जाते थे, वह तालाब आज भी मौजूद है। रामछज्जा से दो किमी स्थित इस तालाब को रामताल कहा जाता है। भगवान राम के चार माह के प्रवास के दौरान वो जहां जहां गए, उन स्थानों को भगवान के नाम से जोड़ा गया है। ग्राम रमासिया और बनगवां ऐसे ही गांव हैं। साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि सीतातलाई के पास एक चट्टान पर दो चरण आज भी अंकित हैं। जिन्हें माता सीता के चरण मानकर श्रद्धालु पूजन करते हैं। कहा जाता है कि ग्राम बनगवां से होते हुए भगवान राम दक्षिण दिशा की ओर गए थे।

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