इससे पहले वियतनाम से आए 70 सदस्यीय उपासक मंडल ने प्रमुख मार्ग से शोभायात्रा निकाली। जिसमें श्रीलंकाई वाद्य यंत्रों की थाप पर साधु, साधु बोलते हुए बौद्ध भिक्षु स्तूप पहाड़ी की ओर बढ़े। शोभायात्रा में बौद्ध अनुयायी एक पालकी में भगवान बुद्ध की खड़ी हुई प्रतिमा रखकर उसे कांधे पर उठाकर चल रहे थे। उत्सव का शुभारम्भ केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रह्लाद पटेल ने किया।
बुद्ध के मंदिर की परिक्रमा की
इस अवसर पर सबसे पहले चीन, जापान, श्रीलंका से आए बौद्ध धर्म अनुयायियों ने भगवान बुद्ध के मंदिर की परिक्रमा की। इस वर्ष वियतनाम से लाई गईं 80 किलो बजनी क्रिस्टल बॉक्स में गोतमबुद्ध के शिष्य बोद्ध भिक्षु सारिपुत्र और महामोद ग्लायन की अस्थियां दर्शनार्थ रखी गईं। जिनकी सुबह 6:30 बजे केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल ने पूजा अर्चना कर दर्शन किए।
देशों से अए बौद्ध अनुयायी शामिल होंगे
दो दिवसीय उत्सव में बड़ी संख्या में विभिन्न देशों से अए बौद्ध अनुयायी शामिल होंगे। इस अवसर पर श्रीलंका महाबोद्धि सोसाइटी एवं लंकाजी टेम्पिल जापान के चीफ बंगाल उपतिस्स नायक थेरो भी उपस्तित थे। प्रह्लाद पटेल ने कहा कि पर्यटक स्थलों पर विदेशी भाषाओं में पर्यटन स्थल की जानकारी से संबंधित बोर्ड लगवाए जाएंगे। देश में इसकी शुरुबात रायसेन जिले के सांची से कर दी है।