scriptजन आयोग बनाकर व्यापमं महाघोटाले की कराएंगे जांच: कांग्रेस | Mass commissioning will be done by making public commission: Congress | Patrika News

जन आयोग बनाकर व्यापमं महाघोटाले की कराएंगे जांच: कांग्रेस

locationरायसेनPublished: Nov 22, 2018 11:31:55 pm

घोटालों में फंसे आईएएस, आईपीएस समेत नेता मंत्रियों, दलालों की जांच करवा कर उन्हें जेल की सलाखों के पीछे भेजा जाएगा।

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Raisen For the last fifteen years in Madhya Pradesh, the Congress Party is not leaving any stone unturned to highlight every disturbance scam in the assembly elections this time between the public to get power again in power. After coming to power in Congress,

रायसेन. मध्यप्रदेश में पिछले पंद्रह सालों से सत्ता के सुख से दूर कांग्रेस पार्टी फिर से सत्ता की कुर्सी पर काबिज होने के लिए जनता के बीच इस बार के विधानसभा चुनाव में हरेक गड़बड़ी घोटाले को उजागर करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। मप्र में कांग्रेस पार्टी सत्ता में आने के बाद व्यापमं महा घोटाले, तीस हजार करोड़ का ई-टेंडरिंग घोटाला और मेडिकल घोटाले की जांच जन आयोग का गठन किया जाएगा। कांग्रेस के वचन पत्र में इस मामले को प्राथमिकता से शामिल किया गया है।
इन घोटालों में फंसे आईएएस, आईपीएस समेत नेता मंत्रियों, दलालों की जांच करवा कर उन्हें जेल की सलाखों के पीछे भेजा जाएगा। क्योंकि इन लोगों ने शिक्षित बेरोजगारों का हक छीन कर अमीर घराने के नाकाबिल बेटों को नौकरी में लगाकर दिया है। यह बात गुरुवार को दोपहर करीब एक बजे जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय सांची रोड पर भोपाल से आए आरटीआई सैल के प्रदेश प्रवक्ता एवं प्रभारी अमिताभ अग्निहोत्री, हिफुर्जरहान खान छोटे मियां ने मीडिया कर्मियों से चर्चा करते हुए कही।
उन्होंने मप्र की शिवराज सरकार सरकार के इन तीनों महाघोटालों से जुड़े ६०० पृष्ठों के सबूत मय दस्तावेजों को मीडिया कर्मियों को भी प्रस्तुत किए। इस अवसर पर कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता द्वय जावेद अहमद खान, मलखान सिंह ठाकुर भी उपस्थित रहे।
जांच से बचने सरकार ने विस भवन में पारित किया प्रस्ताव
मप्र सरकार ने व्यापमं घोटाले से बचने के लिए तंग करना अधिनियम विधेयक २०१५ में पारित करवा लिया है। ताकि याचिका कर्ता सीधे तौर पर उनसे कोई जानकारी ना मांगने लगें। मप्र सरकार ने ३० हजार करोड़ रुपए का ई-टेंडरिंग घोटाला किया है। सरकार ने अपने चहेतों व रिश्तेदारों को टेंडर देकर घटिया निर्माण कार्य कराए हैं। कई टेंडरों को मनमाने तरीके से निरस्त किए गए हैं। इसमें दोषियों पर रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई।
घोटाले की बारीकी से जांचकर रहे आईएएस अधिकारी मनीष रस्तोगी का मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आखिर तबादला क्यों कर दिया। करोड़ों का मेडिकल घोटाले को चिकित्सा शिक्षा माफियाओं को केंद्र क ी मोदी सरकार और मप्र की शिवराज सकरार का खुला संरक्षण प्राप्त है। मेडीकल कौंसिल ऑफ इंडिया द्वारा देशभर के 55 निजी मेडिकल कॉलेजों को वर्ष 2017-18 और2018-19 मे मान्यताएं समाप्त कर दी गई हैं। इनमें मप्र के छह मेडिकल कॉलेज भी शामिल हैं। इन 12निजी मेडिकल कॉलेजों की सीटें भी कम की गई हैं।
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