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खदान धंसी, चार दबे, एक की मौत

locationरायसेनPublished: Jul 04, 2018 01:44:03 pm

रायसेन/गैरतगंज. वार्ड क्र-3 में स्थित कृषि उपज मंडी प्रांगण के समीप खदान धंसने से मजदूर दब गए, जिनमें से एक नाबालिक मजदूर की घटना स्थल पर ही मौत हो गई।

Mineral Dept and Police's joint action against illegal sand traders

Mineral Dept and Police’s joint action against illegal sand traders

रायसेन/गैरतगंज. नगर के वार्ड क्र-3 में स्थित कृषि उपज मंडी प्रांगण के समीप स्थित खदान के धंस जाने से मिट्टी में चार मजदूर दब गए, जिनमें से एक नाबालिक मजदूर की घटना स्थल पर ही मौत हो गई। यह हादसा मंगलवार दोपहर को हुआ, जब मिट्टी के बर्तन आदि काम करने वाले मजदूर बीना नदी तट एवं कृषि मंडी के समीप स्थित पीली ढाय के नाम से महशूर खदान पर मिट्टी खोदने का काम कर रहे थे। तभी अचानक ऊपर से मिट्टी धंसने के कारण चार लोग मिट्टी में दब गए। हादसे में १3 वर्षीय अरुण प्रजापति पुत्र बद्री प्रजापति की घटनास्थल पर ही मौत हो गई।
जबकि 48 वर्षीय बद्री प्रजापति, २५ वर्षीय कमलेश प्रजापति, १७ वर्षीय बिंदु प्रजापति तथा ३४ वर्षीय संतोष रैकवार गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना की जानकारी लगते ही प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचकर राहत कार्य मे जुट गया। जेसीबी मशीन एवं स्थानीय लोगों की मदद से खदान में दबे हुए लोगों को बाहर निकालकर अस्पताल लाया गया। जहां डॉक्टरों ने अरुण को मृत घोषित कर घायलों को प्रथमिक उपचार देकर तत्काल जिला अस्पताल रेफर किया गया।
कई हैं मौत की खदानें
गैरतगंज तहसील क्षेत्र भर में अनेक खदानें हैं। यह खदानें बारिश के मौसम मे पानी भरने से तालाब का रूप ले लेती हैं। इनमें खास तौर पर मिट्टी की कई खदानें ऐसी हैं जो बिलकुल सुरक्षित नहीं हैं।
बढ़ती जा रही है हादसों की संख्या
जिला प्रशासन खदान में होने वाली घटनाओं की लगातार अनदेखी कर रहा है। वहीं इनमें हादसों की संख्या बढ़ती जा रही है। इस तरह की घटनाओं में अधिकारी कानूनन कोई कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं।
दरअसल नगर की बीना नदी के तट के समीप मिट्टी खोदने का काम चलता है, जिससे बने गड्ढे आज खदान का रूप ले चुके हैं। मंगलवार को हुआ दर्दनाक हादसा भी इस तरह की लापरवाही को उजागर करता है।
मुरम की खुदाई से बनी खदानें
नगर के असपास सड़क निर्माण कार्य होने से वैध व अवैध रूप से मिट्टी मुरम की खुदाई की जाती है। जिससे यह खदानें बन जाती हैं, किंतु ठेकेदार द्वारा यह खदानें खुली ही छोड़ दी जाती हैं। न तो इनके चारों और बागड़ की जाती है, न ही बंद किया जाता है।
अधिकांश सड़क किनारे यह खदानें दुर्घटना का कारण बनती हैं। ऐसी खमरिया, ऊसर मेटा, सावली, पड़रिया, बसदेही, धनगवा आदि गांव के आस-पास खदानें बनी हैं। प्रधानमंत्री सड़क के किनारे खुली पड़ी खदानें खतरे का कारण बनी हुई हैं। गांवों से गैरतगंज स्कूल के लिए कई बच्चे प्रतिदिन स्कूल जाते हैं, जिनके लिए ये खदानें जानलेवा साबित हो रही हैं।
यह दुखद घटना हुई है, जिसमें घायलों एवं मृतक के परिवार के लिए शीघ्र ही सहयोग राशि प्रदान की जाएगी, घटना की जांच की जाएगी।
सुनील प्रभास, तहसीलदार

घटना की सूचना लगते ही मोके पर तत्काल पहुंच कर घायलों को उपचार हेतु अस्पताल पहुंचाया गया। घटना में एक मर्ग कायम कर मामले को विवेचना में लिया है।
आशीष चौधरी, उप निरीक्षक थाना गैरतगंज
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