महिला अपनी सास से परेशान होकर 10 महीने से मायके में रह रही है। पत्नी ने बताया कि पति तो ठीक है, लेकिन उसकी सास के कहने पर चलता है और सास ने इतना प्रतिबंध लगा रखा है कि वह पति से बात करने पर भी आपत्ति करती है। सास को पसंद नहीं कि बहू बेटे में प्रेम हो, यदि वह मायके में हो तो पति फोन पर बात करे तब भी सास को आपत्ति होती है। पूरी काउंसलिंग के बाद जो बात सामने आई उसके अनुसार सास और बहू के बीच जनरेशन गैप के कारण विवाद है। पति पत्नी दोनों साथ रहना चाहते है।
दोनों पक्षों को समझाइश दी गई कि वह अपने आप मे बदलाव लाए। उन्हें 7 दिन का समय दिया गया है, अगली काउंसलिंग के बाद दोनों का पक्ष जानकर उन्हें साथ भेजा जाएगा। एक अन्य प्रकरण में एक साल पहले शादी हुए जोड़े में दरार पड़ गई। पत्नी ने बताया कि वह पति के साथ रहना चाहती है, लेकिन वर्तमान में जहां वह रहते है, वहां ऐसा माहौल नहीं कि वह रह पाए। सास और परिवार के दूसरे लोग काफी प्रताडि़त करते है, लेकिन पति भी उसे इतना चाहता है कि उसके मायके जाने से दुखी होकर उसने सुसाइड की कोशिश की। हालांकि पत्नी भी उसके साथ रहना चाहती है, लेकिन कहीं दूसरी जगह। पति ने बताया कि वह 7 दिन में व्यवस्था करेगा। दोनों को अगले मंगलवार की तारीख दी गई है।
पांच प्रकरण पंजीबद्ध किए गए
मंगलवार को बैठक में 14 प्रकरण रखे गए थे।, जिसमें से 8 प्रकरण में पक्षकार अनुपस्थित रहे। 5 प्रकरण पंजीबद्ध किए गए। परामर्श केंद्र की बैठक में एसडीओपी अदिति भावसार, अध्यक्ष कैलाश श्रीवास्तव, सलाहकार अशोक गुप्ता, चेतन राय, अनीता राजपूत, एएसआई अनिल वर्मा, आरक्षक लोकेंद्र मोर्य उपस्थित रहे।