किसान राधेलाल, कमलेश, नीरज, सुरेश, दीपक कुमार ने बताया कि क्षेत्र में गेहूं की फ सल की बोवनी 15 दिन लेट हो गई। लॉकडाउन की वजह से हार्वेस्टर नहीं मिलने से फ सल कटाई में देरी हुई, जिसके कारण किसान बोवनी करने में पिछड़ गए। किसानों ने बताया कि मौसम को देखते हुए मूंग की फसल पर दवाई की भी अधिक मार दी है। मगर खेतों में कटी रखी फसल की फलियां लगातार पानी मिलने से अंकुरित होने लेगी है।
मंूग की फसल खेतों में कटी पड़ी है। क्षेत्र के कई गांवों में बारिश के कारण किसान के वाहन खेतों में नहीं पहुंच पा रहे, जिससे फ सल नहीं निकाल पा रहे हैं। बारिश होने से फ सल में नमी अधिक हो गई है। इस कारण फ सल की थ्रेसिंग नहीं करा सके। बारिश ने फ सल निकालने का मौका नहीं दिया। इस बार प्री-मानसून की बारिश जल्द होने से यह स्थिति बनी है। किसानों ने बताया कि फसल को धूप में सुखाना पड़ेगा। मगर बारिश होने से दिक्कत बढ़ गई है। दिन में जब भी समय मिलता है, फ सल को सुखाना पड़ रहा है।
क्षेत्र में किसानों ने बड़ी मात्रा में ग्रीष्मकालीन मूंग की बोवनी की है, लेकिन बारिश के कारण किसान परेशान हो रहा है। किसी तरह किसान मूंग कटाई करके मूंग को निकाल रहा है, तो दामों में दिनों-दिन गिरावट आने से किसानों को मूंग की लागत निकलना मुश्किल हो रहा है। कृषि उपज मंडी में एक जून से मूंग की आवक प्रारंभ हुई तब छह हजार से 6500 तक दाम रहे। लेकिन जैसे-जैसे मूंग की आवक बढ़ती जा गई, दाम आधे हो गए हैं।