इसके साथ ही दिल्ली की नृत्य गुरू वनश्री राव ने शिष्यों के साथ भगवान शिव की महिमा का वर्णन भारत नाट्यम, छाऊ और कुचीपुड़ी नृत्य के माध्यम से किया। इस नृत्य नाटिका में भगवान शिव के सौम्य रूप को दर्शाया गया एवं उसके बाद भगवान शिव के रौद्र रूप की प्रस्तुति दी गई। जिसने उपस्थित लोगों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया।
नृत्य और डमरू, बांसुरी का संगम दिखा
कार्यक्रम की अगली कड़ी में कुचिपुड़ी नृत्य के माध्यम के भरत नाट्यम की प्रस्तुति दी गई। साथ ही पूजा की एवं उसके बाद हरि हरा की भी प्रस्तुति दी गई। प्रस्तुति में भगवान शिव का डमरू एवं भगवान कृष्ण की बांसुरी का संगम भी देखने को मिला। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री पटवा ने कहा कि आज से भोजपुर उत्सव पद्म विभूषण पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय सुंदरलाल पटवा की स्मृति में आयोजित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि उन्हीं की प्रेरणा से इस कार्यक्रम को भव्य स्वरूप प्रदान करने का प्रयास संस्कृति विभाग द्वारा किया जा रहा है। प्रदेश में छोटे-बड़े लगभग 1800 सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। मंत्री पटवा ने कहा कि हम सब परस्पर मिलकर प्रदेश और देश के विकास के लिए एक साथ काम करें। उत्सव के दूसरे दिन गुरूवार को मीका सिंह द्वारा गीत-संगीत की प्रस्तुति दी जाएगी। लोक नृत्य भी आयोजित किए जाएंगे।