करीब 35 साल नागपंचमी पर होने वाले इस आयोजन को नाग की अदालत कहा जाता है। हर साल मेले में दूर-दूर से ग्रामीण आते हैं। इनमें वे लोग भी बड़ी संख्या में होते हैं, जिन्हें बीते सालभर में सांप ने डसा हो और उन्होंने सीहोरा धाम के नाम से धागा बांधकर हाजिरी लगाने का संकल्प लिया हो।
सबकी लगती है हाजरी
नागपंचमी पर एक-एक व्यक्ति यह दर्शन करता है। इसे अदालत में हाजरी लगना कहता हैं। सीहोरा धाम के पंडा अजब सिंह पीडि़त पर पानी की छींटे मारते हैं और उस पर हलचल हो तो मानते हैं कि नाग देवता उसे डसने का कारण बताते हैं। मान्यता है कि वे फिर व्यक्ति को नहीं डसने की सौंगध लेकर चढ़ावे के बाद लौट जाते हैं।
सोशल डिस्टेंसिंग के साथ लगेगी अदालत
सीहोरा मंदिर के पुजारी शिवम महाराज ने बताया कि इस बार कोरोना संक्रमण के चलते अदालत का स्वरूप छोटा होगा। सभी पीडि़तोंं को एक जगह नहीं बैठाया जाएगा।