ऐसी स्थिति में रेत माफिया कमार्ई की लालच में रेत ढुलाई के प्रतिबंध और तमाम आदेश नियमों को ठेंगा दिखाते हुए रेत माफिया गिरोह रेत का जमकर परिवहन कर महंगे दामों में रेत बेचकर जमकर चांदी काट रहे हैं। पुलिस और माइनिंग अमले द्वारा जिलेभर की जा रही रेत से ओवरलोड भरे डंपर ट्रकों की धरपकड़ से साफ जाहिर होता है रेत क ी कमाई का खेल बदस्तूर जारी है।
बताया जा रहा है कि रेत के इस कमाई के कारोबार से सत्ताधारी नेताओं की फौज जुड़ी हुई है। प्रतिदिन जिला मुख्यालय से ही दर्जनों रेत से ओवरलोड भरे डंपर,हाइवा वट्रकोंके निकलने का सिलसिला शुरू हो जाता है ।जो दोपहर बाद तक लगातार जारी रहता है। इनमें कई वाहन बिना नंबर बीमा और रायल्टी के चलते हैं।
यहां लगा रेत का स्टॉक…..
जिले की तहसील बाड़ी सर्किल की नर्मदा नदी तटों के मदागन घाट भारकच्छ,गौरा मछवाई,बगलवाड़ा,डूमर,अलीगंज,कोटपार गनेश ,मांगरोल घाट ,पतई बरेली,केतोघान खरगौन,बौरास,चौरास उदयपुरा,कैलकच्छ नर्मदा नदी घाट देवरी आदि जगहों पर स्थानीय रेत माफियाओं द्वारा नदी घाटों सहित खेतों ,खलिहानों और बाड़ी में सड़क किनारे ही रेत के लगे ढ़ेर नजर आ रहे हैं।
बारिश से पहले महंगे दामोंं में रेत बेचने के लिए रेत माफियाओं ने बड़े पैमाने पर स्टॉक कर रखा है। वर्तमान में इस रेतकीडिमांडरायसेन,विदिशा,सीहोर,होशंगाबाद ,जबलपुर,इंदौर,भोपाल,नरसिंहपुर आदि बड़े शहरों में होने लगी है।इसीलिए प्रतिदिन रात के अंधेरे में ही जेसीबी मशीनों के जरिए वाहनों में रेत भरने का सिलसिला शुरू हो जाता है।जो अलसुबह तक लगातार जारी रहता है।
इनको रोकनेव रेत के स्टॉक पर छापामार कार्रवाई करने स्थानीय प्रशासन के अधिकारी चाहकर भी खामोश बने रहते हैं।क्योंकि इन रेत माफियाओं को मंत्री विधायकों से लेकर सफेदपोश नेताओं का भी खुला संरक्षण प्राप्त है।इस कारण प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर पुलिस अधिकारी रेत के ढ़ेरों पर सीधेतौर पर छापामार कार्रवाई करने से डरते हैं।वहीं जिला माइनिंग अधिकारी भी लंबे समय से अमले की कमी बताकर कार्रवाई करने से पल्ला झाड़ रहे हैं।
कलेक्टर को कार्रवाई करने के ये हैं अधिकार….
शासन स्तर से हाल ही में कलेक्टरों को नए अधिकार भी मिले हैं।इनमें गौण खनिज अधिनियम १९६६ के नियम ५३ में संशोधन से लेकर कलेक्टर को अधिकार मिले हैं।वे अवैध उत्खनन और परिवहन में लगे वाहन को राजसात कर सकें गे।अवैध खनिज व वाहन पर जुर्माना भी लगा सकेंगे।लीज धारक या स्टॉक होल्डर कम मात्रा में रेत व अन्य खनिज का स्टॉक दिखाकर अगर ज्यादा खनिज बेचता है तो कलेक्टर शोकाज नोटिस जारी कर लीज निलंबित कर सकते हैं।
ये है असलियत……
अब तक जिले में सिर्फ २ डंपरों की ही वाहन जब्त कर राजसात की कार्रवाई हो सकी है।केवल डंपरों,ट्रकों पर जुर्माना ही हो सका है।जिले में अभी तक इस तरह के अधिकारों का उपयोग करके कोई पुख्ता कार्रवाई नहीं हुई है।इस कारण रेत माफियाओं के रेत की मोटी कमाई के इस खेल में हौंसले काफी बुलंद हैं।
10 अगस्त तक भेजना है रोजाना रिपोर्ट
कलेक्टर एस प्रिया मिश्रा ने अपने अधिकार अधिनस्थ राजस्व अफसरों,एसडीएमओं के दे दिए हैं।दरअसल २२ जून को खनिज संसाधन विभाग के पीएस नीरज मंडलोई ने कलेक्टर रायसेन को भी १० अगस्त २०१८ तक जिलेभर की नदियों से रेत उत्खनन पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं।साथ ही जिले में रेत की अवैध खुदाई और परिवहन पर भी वाहनों की चैकिंग कर उचित कार्रवाई करने के आदेश दिए जा चुके हैं।
जिले में अब तक दो रेत से भरे डंपरों की राजसात की कार्यवाही की जा चुकी है।सूचना मिलने पर खनिज अमले की टीम द्वारा बिना रॉयल्टी के अवैध रूप से रेत की ढुलाई करते हुए वाहनों क ी धरपकड़ की कार्रवाई की गई है। इन रेत के वाहनों से जुर्माना भी वसूला जा रहा है। यह कार्रवाई लगातार जारी रहेगी। धनराज काटोलकर जिला माइनिंग अधिकारी,रायसेन