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भुगतान लेने आए किसानों के लिए न कोई सुविधा ना सुरक्षा

locationरायसेनPublished: May 01, 2019 11:09:56 pm

हकीकत ये है कि भुगतान का पैसा मिलना आजकल दूर की कौड़ी होता जा रहा है

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Raisen When the farmer prepares the harvest by his sweat, he hopes that soon the crop will be sold and the children will get all the work like marriage, procurement. But the reality is that the payment of payment is becoming a distant thing nowadays. At the same time, the vicious circle of the vicious circle of the people to snatch away the money from the farmers outside the bank, from which they neither worry the bank nor the administration to protect the farmer.

रायसेन. अपने पसीना बहाकर किसान जब फसल तैयार करता है तो उसे ये उम्मीद होती है कि जल्द ही फसल बिकेगी पैसा मिलेगा और तब बच्चों की शादी, खरीदी जैसे सारे काम हो जाएंगे। मगर हकीकत ये है कि भुगतान का पैसा मिलना आजकल दूर की कौड़ी होता जा रहा है। साथ ही बैंक के बाहर किसान से पैसा छीनने के लिए गिद्ध दृष्टि लगाए लुटेरे डटे रहते हैं, जिनसे किसान की सुरक्षा करने के लिए न तो बैंक को चिंता है और न प्रशासन को।
कुल मिलाकर किसान को पैसा घर तक ले जाने की भारी चिंता रहती है। जी हां, हम यहां बात कर रहे सैकड़ों किसानों की जो सुबह से लेकर शाम तक यहां महामाया चौक के सामने स्थित जिला सहकारी बैंक शाखा के बाहर धूप खड़े नजर आते हैं। बैंक के सामने प्रबंधक द्वारा छांव की व्यवस्था के लिए टेन्ट नहीं लगवाया और ना ही किसानों के लिए पीने के पानी की कोई सुविधा है। इससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण बात तो सुरक्षा व्यवस्था की है।
जहां प्रतिदिन दर्जनों किसान पचास हजार रुपए से लेकर पांच लाख रुपए तक की भुगतान राशि लेकर जाते हैं। बैंक शाखा के बाहर जिम्मेदारों ने पुलिस व्यवस्था नहीं लगवाई। जबकि बीते वर्षों में लगातार दो-तीन घटनाएं हो चुकी है। दो वर्ष पहले एक किसान का नोटों से भरा थेला छीनकर एक नाबालिग भागा था। हालांकि वह बाद में पकड़ा गया था। मगर पुलिस को मशक्क त करनी पड़ी थी। इससे पहले तीसरे वर्ष भी एक किसान जब बैंक से भुगतान लेकर निकल रहा था, तो अज्ञात लोगों ने उसका बैग लेकर भाग निकले थे।
सागर रोड स्थित स्टेट बैंक शाखा के सामने भी इस तरह की घटनाएं बीते वर्षों में हो चुकी है। इसके बाद भी पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था नहीं की जाती। हालांकि बैंक द्वारा एक गार्ड तैनात किया गया है। पर गार्ड बैंक के अंदर ही सुरक्षा व्यवस्था मेें लगा रहता है।
जरूरी है पुलिस व्यवस्था
इन दिनों जिला सहकारी बैंक सहित सभी बैंकों में किसानों की उपज का भुगतान संबंधी लेन-देन कार्य ज्यादा चल रहा है। ज्यादातर भुगतान जिला सहकारी बैंक के माध्यम से किया जा रहा है, तो ऐसे में बड़ी रकम किसानों के पास पहुंच रही है।
मगर बैंक शाखा के बाहर कोई पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था नहीं है, जिससे किसान सुरक्षित रूप से राशि लेकर बाहर निकल सकें। जबकि बैंक के सामने ही यातायात थाना और एसडीओपी कार्यालय है। मगर यहां पर भी पुलिस जवान तैनात नहीं रहते।
देरी से मिल रहा भुगतान
किसान कमल सिंह, राकेश लोधी ने बताया कि उन्होंने पन्द्रह दिन पहले केन्द्र पर गेहूं बेचा था। मगर भुगतान अब खाते में आया है। बताया जा रहा है कि उनकी उपज का परिवहन नहीं होने से गोदाम में नहीं रखा सकी थी। इस कारण भुगतान में देरी हुई। नियमानुसार खरीदे गए गेहूं को 24 घंटे के भीतर परिवहन किया जाना चाहिए। मगर अधिकारी इसमें रूचि नहीं ले रहे। यही कारण है कि कई खरीदी केन्द्रों पर तुलाई के बाद किसानों की उपज पिछले दस से पन्द्रह दिनों से नहीं उठ सकी।
मुझे यह जानकारी नहीं थी कि बीते वर्षों में यहां पर किसानों के बैठने के लिए टेंट और पानी की व्यवस्था कराई जाती थी। यदि इस तरह की व्यवस्था पहले की गई हैं, तो इस बार भी कराई जाएगी। साथ ही पुलिस सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस से चर्चा कर जवान तैनात करवाए जाएंगे।
– केके रायकवार, सीईओ जिला सहकारी बैंक रायसेन।
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