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आपका बच्चा अच्छे स्कूल में जा रहा है या नहीं, ऐसे करें पता

locationरायसेनPublished: May 25, 2022 04:23:16 pm

Submitted by:

Ashtha Awasthi

पहली से आठवीं तक स्कूली शिक्षा में कसावट लाने राज्य शिक्षा केंद्र करेगा निगरानी….

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रायसेन। कक्षा पहली से आठवीं तक सरकारी स्कूलों में शिक्षा के साथ आधारभूत सुधार के लिए राज्य शिक्षा केंद्र ने रैंकिंग प्रणाली शुरू की है। इसमें हर माह हर जिले के सरकारी स्कूलों की रैंकिंग कर सीएम डैशबोर्ड पर प्रदर्शित किया जाएगा। राज्य शिक्षा केंद्र ने इस पर काम भी शुरू कर दिया है। दरअसल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसके निर्देश दिए थे। वे खुद स्कूलों की रैंकिंग देखेंगे और उसके अनुसार कार्रवाई भी करेंगे।

स्कूल शिक्षा विभाग इस माह से सभी जिलों में किए जा रहे कार्यों के आधार पर जिलों की रैंकिंग तय करेगा। हर कार्य और उपलब्धि के आधार पर जिलों को नंबर दिए जाएंगे और यह रिपोर्ट सभी जिलों के जिला परियोजना अधिकारियों के साथ ही जिला कलेक्टर और संभागीय आयुक्त को भी साझा की जाएगी।

हर काम के होंगे अंक

जिला शिक्षा केंद्र समन्वयक सीबी तिवारी ने बताया कि गुणवता एवं समय सीमा में कार्य पूर्ण करने के साथ ही जिलों के बीच एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का भाव पैदा करने की दृष्टि से यह व्यवस्था लागू की जा रही है। राज्य शिक्षा केन्द्र में आने वाले सभी जिला शिक्षा केन्द्रों, डाइट और शिक्षा महाविद्यालयों जैसे प्रशिक्षण संस्थानों के कार्यों को हर माह कसौटी पर कसा जाएगा। जिलों के प्राप्तांकों के आधार पर सुधारात्मक कार्रवाई भी की जाएगी।

सात बिंदुओं पर रैंकिंग

प्राथमिक स्कूली शिक्षा की प्राथमिकता के आधार पर कार्य बिंदु निर्धारित किए गए हैं। इसे मुख्यत: बच्चों के नामांकन एवं ठहराव, गुणवत्ता पूर्ण शैक्षिक उपलब्धियां, शिक्षकों का व्यवसायिक विकास, समानता, अधो संरचना एवं भौतिक सुविधाएं, सुशासन प्रक्रियाएं और वित्तीय प्रबंधन तथा अन्य कार्यक्रम जैसे 7 मुख्य भागों में बांटा गया है। इनमें माह की प्राथमिकता के अनुसार परिवर्तन भी हो सकते हैं।

इस तरह मिले अंक

जिले को बच्चों के नामांकन एवं ठहराव पर 21 में से 13 अंक मिले हैं। इसी तरह गुणवत्ता पूर्ण शैक्षिक उपलब्धियों पर 21 में से 12.9 अंक, शिक्षकों का व्यवसायिक विकास में 10 में से 4.1 अंक, समानता पर 10 में से 8.4 अंक, अधोसंरचना एवं भौतिक सुविधाएं में 13 में से 8.5 अंक, सुशासन प्रक्रियाएं बिंदु पर 13 में से 8.5 अंक, वित्तीय प्रबंधन में 20 में से 09 अंक, पढ़ना लिखना अभियान में 05 में से 4.6 अंक मिले हैं। इस तरह कुल 100 अंकों में से 60.44 अंक मिले हैं।

हर माह स्कूलों की रैंकिग प्रणाली से स्कूलों के वर्तमान हालात में निश्चित रूप से सुधार आएगा। हर संबंधित अधिकारी, कर्मचारी की जिम्मेदारी तय होगी। अभी हम 28वें नंबर हैं, लेकिन इसमें सुधार कर आगे बढ़ेंगे।

-सीबी तिवारी, जिला समन्वयक जिला शिक्षा केंद्र।

एक साल की रैंकिंग की जारी

राज्य शिक्षा केंद्र ने सत्र 2021-22 में प्रदर्शन के आधार पर सभी 52 जिलों की रैकिंग तैयार कर जारी की है। जिस पर कलेक्टर से सुधारात्मक सुझाव एवं आपत्तियां प्राप्त की जाएंगी। जिले से प्राप्त सुझावों एवं आपत्तियों के आधार पर आवश्यक संशोधनों के बाद अंतिम रूप से जिलों की रैंकिंग कर सीएम डैशबोर्ड पर प्रदर्शित की जाएगी। 20 मई को जारी रैंकिंग में रायसेन जिले को 28वां स्थान मिला है। इसमें छिंदवाड़ा जिला पहले नंबर पर रहा है। सात बिंदुओं 100 अंकों में से रायसेन जिले को 60.44 अंक मिले और बी ग्रेड के साथ 28वें नंबर पर रहा है।

ये होगा लाभ

स्कूलों की हर माह रैंकिंग से तय बिंदुओं के अनुसार हर विभाग में बेहतर करने के प्रयास करना होगा। कमी रहने पर कलेक्टर और संभागाआयुक्त को जवाब देना होगा। ऐसे में मैदानी अमला गंभीरता से काम करेगा, ऐसी उम्मीद जताई जा रही है। इससे प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों के स्तर में सुधार होने की उम्मीद है।

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