विधानसभा चुनाव तक यह आदेश प्रभावी रहेगा। सारे झमेलों से बचने के लिए लोगों ने नजदीकी पुलिस थाना और कलेक्टोरेट की आम्र्स शाखा में हथियार जमा करने का सिलसिला चालू हो गया है।
रायसेन कोतवाली के तहत नगर समेत आसपास के गांवों में पुलिस घर-घर पहुंचकर लोगों के शस्त्र जमा कराने की कोशिश लगातार कर रही है।
दरअसल रायसेन कोतवाली में 825 लोगों के पास लाइसेंस के बंदूकें, रिवाल्वर आदि घरों में रखे है।। जिनमें से अधिकतर 12 बोर और 315 बोर की बंदूकें हैं। इन शस्त्र लाइसेंस में से अभी तक 200 शस्त्र कोतवाली रायसेन में जमा हो चुके हैं। अभी भी 625 शस्त्र लाइसेंस को लोगों ने नहीं जमा कराया है।
कोतवाली के एसआई अमित राजपूत के मुताबिक प्रतिदिन 25 से 30 श्रस्त्र कोतवाली में जमा कराने लाइसेंस धारी आ रहे हैं। इनमें से अधिकतर लाइसेंस हिंसक जानवरों से सुरक्षा के लिए पुराने समय में जारी हुए हैं।
लाइसेंस शाखा रायसेन के नियम के मुताबिक हर मालिक को अपने शस्त्र लाइसेंस को हर वर्ष नवीनीकरण करना होता है। कलेक्टर मिश्रा ने जब से आदेश जारी किया है। संबंधित लाइसेंसी धारी अपने-अपने हथियार लेकर जमा कराने पहुंच रहे हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी व कलेक्टर मिश्रा के मुताबिक जो लाइसेंसी नियमों का पालन नहीं करेगा। उसके खिलाफ पुलिस कार्रवाई करेगी।
शस्त्र लाइसेंस नहीं जमा करने वालों की सूची पुलिस को भेजी जाएगी। उसके बाद भी नियमों का पालन नहीं करने वालों पर जिला-प्रशासन की ओर से शस्त्र लाइसेंस रद्द दिए जाने का भी प्रावधान रखा गया है। यहां
विधानसभा चुनाव 2018 के चलते निर्वाचन आयोग ने 6 अक्टूबर से आदर्श आचार संहिता लागू कर दी गई है और 28 नवंबर को वोटिंग तय की गई है। जिसके चलते जिले भर में शस्त्र जमा करने का आदेश जारी किया गया है।
लोग खड़े कर रहे सवाल….
एसआई राजपूत ने बताया कि शस्त्र जमा कराने आने वाले लोग सवाल कर रहे हैं हथियार जमा कराने के बाद आखिर वापस कब मिलेंगे। वह पुलिस से तरह तरह के सवाल पूछ रहे हैं। विधानसभा चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग जाने का लोग अंदेशा कर रहे हैं। उनको यह अंदेशा सताने लगा है कि एक बार हथियार थाने में जमा कराने के बाद काफी दिनों तक इंतजार करना होगा ।
चुनाव प्रचार समाप्ति के बाद सभा करना दंडनीय….
जिला मुख्य निर्वाचन अधिकारी व कलेक्टर एस प्रिया मिश्रा ने बताया है कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश के तहत कोई प्रत्याशी प्रचार समाप्ति के बाद धार्मिक आयोजन जन्मदिन पार्टी अथवा शादी-विवाह समारोह में सम्मिलित होकर चुनाव प्रचार संबंधी किसी भी प्रकार की कोई अपील भी नहीं करेगा।