भोजन की तलाश में हर रात 400 किमी. का सफर
विशेषज्ञ बताते हैं कि साइबेरियन क्रेन हर रात लगभग 400 किलोमीटर की यात्रा करते हैं। 50 किलोमीटर प्रति घन्टे की रफ्तार से उड़ान भरते हैं और भारत के अलग अलग प्रदेशों में इनके आने का कारण इनका स्पाइलोरिना भोजन है जो इन्हें इन जगहों पर मिलता है। स्पाइलोरिना तालाबों, झीलों में बहुतायत से मिलता है और यही कारण है कि साइबेरिन क्रेन यहां पर आते हैं।
‘मेहमानों’ का हो रहा शिकार
हजारों किलोमीटर का सफर तय तक भोजन की तलाश में शहर में आने वाले इन विदेशी मेहमानों का कुछ लोग शिकार भी कर रहे हैं। बीते कुछ दिनों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जब साइबेरिन क्रेन का लोगों ने एयरगन से शिकार किया है। साइबेरियन क्रेन का शिकार होने को लेकर जब पत्रिका ने डीएफओ विजय कुमार से सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि मेरी जानकारी में अभी साइबेरिन क्रेन के शिकार का कोई मामला नहीं आया है। उन्होंने तो गोहरगंज में विदेशी पक्षियों के होने की जानकारी न होने की बात कहते हुए मामले को दिखवाने की बात कही है।