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कलेक्ट्रेट कार्यालय के गेट के बाहर धरने पर बैठे खिलाड़ी

locationरायसेनPublished: Jul 13, 2018 02:28:13 pm

Submitted by:

Shibu lal yadav

-विरोध-खिलाडिय़ों ने लगाए नारे,बोले खेल अधिकारी मुर्दाबाद,मुर्दाबाद,सस्पेंड करो-सस्पेंड करो.

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कलेक्ट्रेट कार्यालय के गेट के बाहर धरने पर बैठे खिलाड़ी

रायसेन. गुरूवार को सुबह खेल सुविधाओं में कटौती और खेल सामग्री उपलब्ध नहीं कराए जाने का लेकर नाराज करीबन साठ छोटे-बड़े खिलाड़ी कलेक्ट्रेट भवन पहुंचे।यहां सुनवाई नहीं होने पर नाराजगी जाहिर करते हुए खिलाडिय़ों ने कलेक्ट्रेट भवन के मेनगेट के बाहर सड़क पर बैठकर काफी देर तक धरना देकर बैठे रहे।

सूचना मिलते ही डिप्टी कलेक्टर मोहिनी शर्मा इन परेशान खिलाडिय़ों को समझाइश देने पहुंची।लेकिन खिलाड़ी नवागत कलेक्टर षणमुख प्रिया मिश्रा से चैंबर में मुलाकात करने की जिद पर अड़ेरहे।बादमेंकलेक्टरएसप्रियामिश्रा ने इन नाराज खिलाडिय़ों को अपने चैंबर में बुलकर उनसे बारी-बारी से पूछताछ की।

इन नाराज खिलाडिय़ों द्वारा जिला जिला खेल अधिकारी अरविंद इलियाजर और जिला ख्ेाल एवं युवक कल्याण विभाग के स्टोर कीपर प्रियंक शिंदे क ी मनमानी व फर्जीवाड़े की जमकर शिकायतें कीं।इससे पूर्व नाराज इन खिलाडिय़ों ने खेल अधिकारी को सस्पेंड सस्पेंड करो और खेल अधिकारी हाय-हाय मुर्दाबाद औरस्टोरकीपरके घोटालों और फर्जीवाड़े के रिकार्ड की जांच करो….. के जमकर नारे लगाए।

खिलाडिय़ों ने लगाई शिकायतों की झड़ी…..
कलेक्टर के सामने नाराज खिलाडिय़ों ने जिला खेल अधिकारी से लेकर स्टोर कीपर की मनमानी व फर्जीवाड़े की जमकर शिकायतें कीं।युवा हॉकी खिलाड़ी साबर खान,लखनभील,अदनान खान,विजय अहिरवार ,हेमा,परी, मुकेश रैकवार ,शानू रैकवार आदि ने बताया कि समर कैंप के सभी खिलाडिय़ों को न तो किटें प्रदान की गईंऔरननियिमत रूपसेखेलसुविधाएं मौजूद कराई जाती हैं।

उन्होंने कहा कि हॉकी का सेंटर मंडीदीप में सालों से बेवजह चलाया जा रहा है।जबकि नियम अनुसार हरेक जिले के जिला मुख्यालयों के खेल स्टेडियम में चल रहे हैं।ऐसी स्थिति में हॉकी प्लेयरों के पंजीयन नहीं हो पा रहे हैं।इस कारण वह परेशान हो रहे हैं। खेल स्टेडियम का ठेका भोपाल के ठेकेदार सबदर खान को पिछले सात-आठ सालों से दिया गया है।वर्तमान मेंपूरेखेलस्टेडियममें पानी भराहुआ है।लेकिन जिला खेल अधिकारी द्वारा खेल ग्राउंड से पानी निकासी के इंतजाम तक नहीं कराए जा रहे हैं।

ऐसे में शालेय खेल प्रतियोगिताओं तैयारी में हॉकी,फुटबाल की खिलाड़ी अभ्यास नहीं कर पा रहे हैं।भोपाल के इस ठेकेदार द्वारा ना तो एक गड्ढा खोदा जाता और ना ही एक ट्राली मिट्टी,मलबा डाली जाती।जबकि बताया यह जा रहा हैकि हर महीने ७० से ७५ हजार के बिल स्टोर कीपर द्वारा फर्जीवाड़ा कर विभाग में जरूर लगाए जा रहे हैं।स्टोर कीपर का चार्ज नियम विरूद्ध प्रियंक शिंदे पिछले छह सात सालों से संभाले हुए हैं।

तत्कालीन खेल अधिकारी वाणी साहू के कार्यकाल में भी इस स्टोर कीपर के कारनामे चर्चाओंं में रह चुके हैं।यह महाशय 50 रूपये सेलेकर 5009 के फर्जी बिल लगाने में माहिर हैं। यह स्टोर कीपर अपने चहेतों और राजीनीतिक रसूखदारों को तो अपनी बात बनाने के चक्कर में खेल सामग्री आसानी से उपलब्ध करवा देते हैं।

बाकी खिलाडिय़ों को खेल सामग्री आने की झूठी बातें कहकर गुमराह करते हैं। इसके अलावा नाराज छात्राओं नेशिकायतेंकीकिस्टेडियमकाचौकीदार बदतमीजी करता है वह आएदिन गाली गलौंच करता रहता है।लेकिन चौकीदार की इस अभ्रदता पर जिम्मेदार ध्यान नहीं देते। समर कैंप के 150 खिलाडिय़ों में से सिर्फ 50 खिलाडिय़ों को ही टीशर्ट बांटी गई हैं

समरकैंप की राशि में गोलमाल
जिला खेल एवं युवक कल्याण विभाग द्वारा इर साल गर्मियों में खिलाडिय़ों के समर कैंप के लिए लाखों रूपयों का बजट आताहै।लेकिन यह पूरी रकम आखिर कहां गोलमाल कर ली जातीहै।ऐसी स्थिति में खिलाडिय़ों को भोजन नाश्ते से लेकर अन्य खेल सुविधाओं के लिए तरसना पड़ता है।जिला खेल अधिकारी अरविंद इलियाजर नेबताया कि पिछले साल समर कैंप के लिए 9 लाख रूपए का बजट आया था।लेकिन इस साल सिर्फ ५ लाख रूपए का बजट आया था।इस तरह खिलाडिय़ों को सुविधाएं दिए बिना ही ५ लाख रूपए कहां गोलमाल हो गएहैं?यह घोटाले का मामला वास्तव में जांच का विषय है।

लगातार घट रहा बजट
समर कैंप के बजट में हर साल कटौती की जा रही है।ऐसे में जिले भर में खेल प्रतियोगिताएं कराना बड़ा मुश्किल होता है। हर साल बजट की कमी पड़ जाती है।खिलाडिय़ोंं को संख्या के हिसाब सेही खेल सामग्री खेल सुविधाएं प्रदान की जाती हैं।नाराज खिलाडिय़ों से बातचीत कर उन्हें मना लिया जाएगा।अरविंद इलियाजर जिला खेल अधिकारी,रायसेन

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